एजुकेशन लोन नहीं चुकाना पड़ा मंहगा, बेगूसराय में कार्रवाई हुई शुरू

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जानकारी देते अजय कुमार 

बेगूसराय. बिहार में पैसों के अभाव में होनहार बच्चे को पढ़ाई के लिए मिलने वाली बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना पहले वरदान फिर अभिशाप का रूप लेता नजर आ रहा है. 2016 में लॉन्च हुई इस योजना के 8 साल बाद अब लोन की राशि नहीं चुकाने वाले छात्रों पर कार्रवाई भी की जा रही है. दरअसल, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शिक्षा ऋण लेने वाले और समय पर राशि वापस ना करने वाले 600 छात्रों और उनके अभिभावकों पर जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) बेगूसराय द्वारा नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है.

बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम ने छात्रों की सूची डीआरसीसी को दी थी, जिसने राशि जमा नहीं की थी और उन्हें कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. बता दें कि इससे पहले कई छात्रों ने नोटिस के बाद राशि वापस कर दी थी.

600 छात्रों को भेजा जा रहा है नोटिस

बेगूसराय डीआरसीसी वित्त विभाग के अजय कुमार ने लोकल 18 को बताया कि नवंबर और दिसंबर 2024 में कार्रवाई के लिए बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम ने 600 छात्रों का लिस्ट भेजी है. कार्रवाई शुरू हो गई है और कई छात्रों को नोटिस भेजा भी जा चुका है. यह नोटिस रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से भेजा जा रहा है. नोटिस मिलने के बाद 30 दिनों का समय छात्रों को अपना पक्ष रखने के लिए दिया जा रहा है. यदि छात्र अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के योजना के अनुसार जो गाइडलन तय है, इसके मुताबिक योजना के तहत छात्रों को 4 लाख तक का शिक्षा ऋण दिया जाता है. इसमें लड़कियों और दिव्यांग छात्रों के लिए 1% साधारण ब्याज, जबकि लड़कों के लिए 4% ब्याज लागू होता है. अगर किसी छात्र को नौकरी नहीं मिलती या रोजगार नहीं होता, तो वह साल में दो बार हलफनामा देकर लोन की अवधि बढ़ा सकता है.

संज्ञान नहीं लेने पर दर्ज होता है सर्टिफिकेट केस

विभागीय गाइडलाइंस के मुताबिक जिस छात्र का कोर्स पूरा हो जाता है, उसका ईएमआई तैयार होता है और उसे समय पर भुगतान करना होता है. अगर छात्र समय पर भुगतान नहीं करता है, तो उसे हलफनामा जमा करना पड़ता है. अगर वह हलफनामा भी जमा नहीं करता है, तो उसे पांच नोटिस भेजे जाते हैं और उसके बाद छठा नोटिस स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा जाता है. इसके बाद भी अगर कोई छात्र संज्ञान नहीं लेता है, तो सर्टिफिकेट केस दर्ज किया जाता है. इस कार्रवाई से बचने के लिए सीधे तौर पर समझा जाए तो छात्र डीआरसीसी आकर अपने 6 महीने का टाइम पीरियड और गोपनीय जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.

Tags: Begusarai news, Bihar News, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 15:54 IST

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