नोएडा रेडलाइट्स पर लगे SOS सिस्टम का रियलिटी चेक, मदद करने की खा रहे हैं धूल

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रियलिटी चैक: दावों की खुली पोल,  नोएडा की रेडलाइट्स पर लगे SOS सिस्टम इमरजेंसी म

नोएडा: महिलाओं की सुरक्षा और इमरजेंसी में सहायता के लिए नोएडा की 76 रेडलाइट्स पर स्थापित किए गए SOS सिस्टम फिलहाल धूल फांक रहे हैं. इन मशीनों को जनवरी 2023 में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में तुरंत मदद पहुंचाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था. नोएडा पुलिस और प्राधिकरण ने एक निजी कंपनी के सहयोग से इनका संचालन शुरू किया था  और उस समय मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी लेकिन ये SOS किसी को मदद पहुंचाने की जगह खुद मदद की गुहार लगा रहे हैं.

इन जगहों पर किया रियलिटी चेक
लोकल18 द्वारा की गई रियलिटी चेक में इस व्यवस्था की पोल खुली  है. सेक्टर 15 गोलचक्कर, सेक्टर 16 रजनीगंधा, अट्टा पीर, सेक्टर 25, सेक्टर 21, सेक्टर 25, सेक्टर 37, सेक्टर 53, सेक्टर 57, सेक्टर 71, सेक्टर 62 फोर्टिस और डीएम चौराहा जैसी प्रमुख जगहों पर SOS सिस्टम या तो काम नहीं कर रहे हैं या मशीन के ऊपर लगे SOS बॉक्स ही गायब मिले. सेक्टर 25 और अट्टा पीर, डीएम चौराह, सेक्टर 15 और सेक्टर 62 जैसी जगहों पर मशीनें लगी हुई हैं लेकिन उनके ऊपर SOS बॉक्स गायब हैं. वहीं, अन्य जगहों पर मशीन और SOS बॉक्स दोनों मौजूद हैं लेकिन खराब हालत में हैं. जब बटन दबाकर मदद मांगी गई तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

सुरक्षा की पोल खोलती व्यवस्थाएं
SOS सिस्टम की यह स्थिति महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किए गए दावों पर सवाल खड़े करती है. आपको बता दें कि इन मशीनों के जरिए इमरजेंसी में बटन दबाने पर कॉल सीधे सेक्टर 94 के कमांड सेंटर में जाती है, जहां से पीड़ित की समस्या सुनकर नजदीक ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सूचित किया जाता है. मौजूदा स्थिति में ये सिस्टम न तो किसी की मदद कर पा रहे हैं और न ही प्राधिकरण या पुलिस का इस ओर ध्यान है.

पुलिस की प्रतिक्रिया और जिम्मेदारियों पर सवाल
जब इस मामले पर डीसीपी ट्रैफिक, यमुना प्रसाद से संपर्क किया गया, तो उन्होंने दो दिन का समय मांगा और जानकारी जुटाकर लोकल18 को इंटरव्यू देने का आश्वासन दिया. लेकिन दो दिन बाद, जब हमने इस पर अपडेट मांगा तो उन्होंने किसानों के प्रदर्शन में व्यस्त होने की बात कहकर मामला टाल दिया और कहा फिलहाल हमारे पास कोई अपडेट नहीं है. SOS सिस्टम के इस हाल से शहर में सुरक्षा व्यवस्थाओं और इमरजेंसी में मदद लेने पर सवाल खड़ा हो गया है. यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि क्या इन उपकरणों को स्थापित करने की योजना शुरुआत में सुर्खियां बटोरना और केवल कागजों पर ही सीमित थी.

Tags: Local18, Noida news

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 17:57 IST

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