करोड़ों किसान और कारीगरों के लिए खुशखबरी, सरकार हुनर को देगी GI वाली पहचान

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Last Updated:January 23, 2025, 07:37 IST

केंद्रीय कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने भौगोलिक संकेतक (GI) रजिस्ट्रेशन वाले उत्पादों की संख्या साल 2030 तक 605 से बढ़ाकर 10,000 तक करने का लक्ष्य रखा है.

करोड़ों किसान और कारीगरों के लिए खुशखबरी, सरकार हुनर को देगी GI वाली पहचान

फाइल फोटो

नई दिल्ली. देश के कोने-कोने में खास पहचान रखने वाली फसलें, सामान और हुनर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने GI टैग वाले प्रोडक्ट्स को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने भौगोलिक संकेतक (GI) पंजीकरण वाले उत्पादों की संख्या वर्ष 2030 तक 605 से बढ़ाकर 10,000 तक करने का टारगेट रखा है.  उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक जीआई पंजीकरण को 10,000 तक ले जाने के प्रयास की देखरेख के लिए एक समिति गठित की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘हमारी आकांक्षा होनी चाहिए कि अगले पांच वर्षों में हम जीआई की कहानी को हर राज्य और हर जिले तक ले जा सकें.’

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क्या होते हैं GI प्रोडक्ट्स

जीआई उत्पाद किसी खास भौगोलिक क्षेत्र में पैदा होने वाले कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) होते हैं. आमतौर पर किसी उत्पाद के साथ लगा जीआई चिह्न उसकी गुणवत्ता और विशिष्टता को लेकर ग्राहक को आश्वस्त करता है. गोयल ने यहां आयोजित ‘जीआई समागम’ में कहा, ‘हमारे पास आगे बढ़ने के लिए एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है…हमने एक लक्ष्य निर्धारित किया है कि हमारे पास 10,000 जीआई पंजीकरण होने चाहिए.’

केंद्रीय मंत्री ने दिए अहम सुझाव

वाणिज्य मंत्री ने इन उत्पादों को सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम के अलावा ई-कॉमर्स मंचों पर भी बढ़ावा देने का सुझाव दिया. गोयल ने कहा कि सरकार पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय के कार्यबल को मजबूत करने के लिए अधिक लोगों को काम पर रख रही है. गोयल ने कहा, ‘इस कार्यालय में 1,000 लोग काम करने वाले हैं। इनमें से 500 लोगों को पहले ही काम पर रखा जा चुका है और अगले एक या दो साल में 500 अन्य लोग आ जाएंगे.’

जीआई निशान वाले मशहूर उत्पादों में बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, चंदेरी कपड़ा, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग, इलाहाबाद सुर्खा, फर्रुखाबाद प्रिंट, लखनऊ जरदोजी और कश्मीर अखरोट की लकड़ी की नक्काशी के नाम शामिल हैं. गोयल ने कहा कि जीआई निशान के लिए जरूरी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया गया है. एक बार जब किसी उत्पाद को जीआई पंजीकरण मिल जाता है, तो कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम वाली वस्तु नहीं बेच सकती है.

यह चिह्न 10 साल की अवधि के लिए वैध होता है जिसके बाद इसे नवीनीकृत किया जा सकता है. जीआई पंजीकरण के अन्य लाभों में उस वस्तु के लिए कानूनी सुरक्षा, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम और निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 23, 2025, 07:37 IST

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