कर्नाटक हाई कोर्ट आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की रिट याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा, जिसमें मुडा (MUA) साइट आवंटन मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। ये मामला राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ है।
क्या है मुडा (MUDA) केस?
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से उनकी पत्नी पार्वती बीएम को 14 साइट के आवंटन में अवैधता के आरोप का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में हाई कोर्ट में कई बार की सुनवाई हो चुकी है। आज इस पर फैसला आने वाला है।
पूर्व सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला
वहीं, आज अदालत BJP नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की एक याचिका पर भी फैसला सुनाने जा रही है, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ एक आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की है। इस मामले में उन पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
17 वर्षीय लड़की के साथ यौन उत्पीड़न
ये मामला पिछले साल 14 मार्च को 17 वर्षीय लड़की की मां की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसने आरोप लगाया गया था कि येदियुरप्पा ने यहां डॉलर्स कॉलोनी में अपने आवास पर 2 फरवरी को एक बैठक के दौरान उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था। जस्टिस एम नागप्रसन्ना, जिन्होंने पहले दोनों मामलों में आदेश सुरक्षित रखा था। उन्होंने इन याचिकाओं को आज आदेश सुनाने के लिए सूचीबद्ध किया है।