जयपुर. राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं. लेकिन कांग्रेस ने सूबे के दोनों बड़े नेताओं अशोक गहलोत और सचिन पायलट को महाराष्ट्र के चुनाव में भेज दिया है. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर चल पड़ा है. दो दिग्गजों को चुनाव के इस दौर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जिम्मेदारी सौंप दिए जाने में से कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या उन्हें प्रदेश से उपचुनाव के दौरान थोड़ा दूर रखा गया है. या फिर आलाकमान के लिए राजस्थान के उपचुनाव से महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव ज्यादा अहम है.
एक तरफ महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव हैं तो राजस्थान में उपचुनाव की घोषणा के बाद नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी होने को आ गई है. चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने अशोक गहलोत और सचिन पालट जैसे दिग्गजों को प्रदेश से दूर कर दिया है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत को मुबंई और कोंकण रीजन में तो सचिव पायलट को मराठवाड़ा रीजन में सीनियर ऑर्ब्जवर की जिम्मेदारी दी गई है.
पीसीसी चीफ बोले उपचुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के मुताबिक दोनों ही दिग्गज नेता को दी गई जिम्मेदारी से प्रदेश के उपचुनाव और कांग्रेस के हालात पर कोई असर नहीं होगा. उनका कहना है कि वे इस दौरान प्रदेश में भी पर्याप्त समय दे पाएंगे. कांग्रेस ने प्रदेश उपचुनाव के मद्देनजर प्रदेश में 49 नेताओं को जिम्मेदारियां बांट दी है.
14 संगठन प्रभारी, 28 चुनाव प्रभारी और 7 सीनियर पर्यवेक्षक लगाए हैं
इनमें संगठन प्रभारी से लेकर और चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस ने प्रदेश में 14 संगठन प्रभारी, 28 चुनाव प्रभारी और 7 सीनियर पर्यवेक्षक लगाए हैं. उसमें विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस की ओर से चुनाव के लिए गठित तीन कमेटियों में 16 नेताओं को शामिल किया गया है. डोटासरा का दावा है कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है और सभी सातों सीटों पर जीत का परचम लहराएगी.
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FIRST PUBLISHED :
October 24, 2024, 16:46 IST