नई दिल्ली. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बंगले पर शनिवार को हिजबुल्लाह द्वारा ड्रोन से हमला किया गया. यह बंगला इजरायल के सबसे बड़े रिहायशी शहर तेल अवीव के सबसे रईस इलाके सैसरिया में स्थित है. यहां नेतन्याहू के अलावा कई बड़े मंत्रियों और कारोबारियों के घर स्थित हैं.
नेतन्याहू ने यह घर 2003 में बनाया था जब वह इजरायल के वित्त मंत्री थे. इस घर के नीचे एक बंकर भी बनाया गया है. बंगले के पीछे समुद्र है और जहां नेतन्याहू का एक प्राइवेट बीच है. इस बंगले के चारों ओर लंबे और घने पेड़ लगाए गए हैं. इसे बनाने की लागत 2003 में 25 करोड़ रुपये बताई जाती है. जिस शहर में यह बंगला है वह लेबनान से करीब 70 किलोमीटर दूर है. यहां अभी इजरायल का ग्राउंड ऑपरेशन चल रहा है.
पीएम के घर पर हमला
इजराइल सरकार ने कहा कि शनिवार को एक ड्रोन ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास को निशाना बनाया. हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. इजराइल सरकार ने कहा कि लेबनान की ओर से रॉकेट दागे जाने के मद्देनजर शनिवार सुबह इजराइल में सायरन बज उठा और इसके साथ ही प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सैसरिया स्थित आवास की ओर ड्रोन से हमला किया गया. प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर जिस समय यह हमला किया गया तब न तो नेतन्याहू और न ही उनकी पत्नी वहां मौजूद थीं. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.
हिजबुल्लाह ने ड्रोन हमले की जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन कहा कि उसने उत्तरी और मध्य इजरायल पर कई रॉकेट हमले किए. यह हमला ऐसे समय हुआ जब इस महीने की शुरुआत में ईरान द्वारा किए गए हमले का इजराइल की ओर से जवाब देने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. हिजबुल्लाह ने शुक्रवार को कहा था कि वह इजराइल में और अधिक निर्देशित मिसाइलों तथा विस्फोटक ड्रोन से हमला कर लड़ाई का एक नया चरण शुरू करने की योजना बना रहा है. दरअसल, इजराइल द्वारा सितंबर के अंत में किए गए हवाई हमले में हिजबुल्लाह का प्रमुख नेता हसन नसरल्ला मारा गया था, जिसके बाद इजराइल ने अक्टूबर की शुरुआत में लेबनान में अपनी सेना भेज दी थी.
सिनवार को मारा
दूसरी ओर, इजराइल का गाजा में हमास के साथ भी युद्ध जारी है. इजराइल के सैनिकों ने गुरुवार को हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार को मार गिराया जिसके बाद से दोनों के बीच युद्ध थमने की संभावना न के बराबर लग रही हैं. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को कहा था कि सिनवार की मौत एक दुखद क्षति है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि सिनवार से पहले फलस्तीन के कई नेताओं के मारे जाने के बाद भी हमास अपना अभियान जारी रखे हुए है.
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FIRST PUBLISHED :
October 19, 2024, 22:14 IST