बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए आवाज उठाने वाले संत चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर सोमवार को ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चटोग्राम में 22 नवंबर को हिंदुओं के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया था, उसमें राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप है. वहां अल्पसंख्यकों ने कानूनी सुरक्षा और अल्पसंख्यक मामलों के लिए एक मंत्रालय बनाने के लिए मार्च भी निकाला था. आइए जानते हैं कि कौन हैं चिन्मय कृष्ण दास?
पुंडारीक धाम के प्रमुख हैं चिन्मय कृष्ण दास
1. चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के इस्कॉन मंदिर के प्रमुख हैं. इस मंदिर को पुंडरीक धाम के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर राधारानी जी के पिता वृषभानु महाराज के अवतार प्रकट हुए थे, जिनको श्रील पुंडारिक विद्यानिधि कहते हैं. इस वजह से इस मंदिर का नाम पुंडरीक धाम है.
2. चिन्मय कृष्ण दास का पूरा नाम चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी हैं. पहले इनका नाम चंदन कुमार धर था.
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3. चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं. इनकी अगुवाई में ही चटोग्राम में रैली की गई थी, जिसमें इस मंच की अगुवाई में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई गई.
4. चिन्मय कृष्ण दास की अध्यक्षता वाली रैली में अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के गठन, मंदिर-मठों की संपत्तियों की सुरक्षा से संबंधित कानून बनाने समेत 8 मांगें की थीं.
5. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता परिवर्तन के समय से ही वहां हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ लगातार हिंसा हुई है. इन घटनाओं के विरोध और हिंदुओं को एकजुट करने में चिन्मय कृष्ण दास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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6. चटोग्राम रैली के बाद ही चिन्मय कृष्ण दास पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप लगा है. जिसमें बताया गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहरा था. बांग्लादेश में देशद्रोह के लिए आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है.
7. हालांकि चिन्मय कृष्ण दास ने आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना है कि जहां पर घटना हुई, वहां पर वे मौजूद नहीं थे. रैली वाले स्थान से 2 किलोमीटर दूर घटना हुई.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 13:54 IST