क्या बिहार बन रहा बंगाल..इस स्कूल में दो दिन तक नहीं होने दी मां शारदे की पूजा

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 05, 2025, 20:32 IST

Jamui News: पूरे बिहार राज्य में 3 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर सरस्वती पूजा धूमधाम से मनाया गया. तीन दिन से लोग जहां मां शारदे की आराधना में जुटे हैं. लोग या तो प्रतिमा का विसर्जन कर रहे हैं या फिर उसकी तैया...और पढ़ें

क्या बिहार बन रहा बंगाल..इस स्कूल में दो दिन तक नहीं होने दी मां शारदे की पूजा

जमुई में मुस्लिम स्कूल प्रभारी पर मां सरस्वती पूजा नहीं होने देने का आरोप लगा.

हाइलाइट्स

  • स्कूल में लाए गए माता सरस्वती की प्रतिमा का पूजा नहीं होने से ग्रामीण हुए नाराज.
  • स्कूल के प्रभारी अली हुसैन पर माता सरस्वती की पूजा रोकने का लगाया गया आरोप.
  • सूचना के बाद मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने करवाई मां शारदे की पूजा-अर्चना.

जमुई. पश्चिम बंगाल के बारे में आप अक्सर खबरें पढ़ते होंगे कि यहां के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदू धर्मावलंबियों को पूजा पाठ से रोक दिया जा रहा है. इसकी सच्चाई को लेकर बिहार में कई बार पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी मसला बन जाता है. हालांकि, कई रिपोर्ट्स में यह बात सत्य पाई गई है. लेकिन, अब सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार भी बंगाल के रास्ते पर ही चल पड़ा है. दरअसल बिहार के जमुई जिले के सोनो प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय लालीलावर गंडा में स्कूल के प्रभारी की मनमानी के कारण दो दिन बाद मां सरस्वती की प्रतिमा की पूजा हुई. तीन दिनों तक स्कूल के कमरे में बंद कर माता सरस्वती की पूजा नहीं करने से ग्रामीणों में विद्यालय के प्रभारी अली हुसैन पर ग्रामीण नाराज हैं. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद विसर्जन के दिन पूजा अर्चना हुई. सोनो के सीओ और पुलिस की मौजूदगी में स्कूल के कमरे में मां सरस्वती के प्रतिमा पूजा कराई गई. गंडा गांव के ग्रामीणों में नाराजगी है कि स्कूल के हेड मास्टर की जिद के कारण पूजा नहीं की जा सकी. ग्रामीण हेडमास्टर अली हुसैन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि 1 फरवरी को स्कूल की प्रभारी मां सरस्वती की प्रतिमा लाये थे, लेकिन उसे एक कमरे में बंद कर ताला लगा दिया गया था. पूजा नहीं होने की जानकारी ग्रामीणों को जब बुधवार की दिन लगी तब वे आक्रोशित हो गए और इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी. इसकी सूचना पर सोनो के अंचलाधिकारी और वहां की पुलिस पहुंचकर स्कूल के कमरे का ताला खुलवाकर पूजा किया. यह स्थिति क्यों आई इस बारे में जब स्कूल के प्रभारी अली हुसैन से पूछा गया तो वह मौके से भाग खड़े हुए.

ग्रामीण नागेश्वर यादव ने बताया कि 1 फरवरी को स्कूल के प्रभारी अली हुसैन मां सरस्वती की प्रतिमा लाये थे, जिसे एक कमरे में बंद कर ताला लगा दिया गया. गांव में ब्रह्म बाबा की पूजा में सभी लोग व्यस्त थे, बुधवार की सुबह जानकारी मिली कि स्कूल में लाई गई मां सरस्वती की पूजा नहीं हुई. अभी भी प्रतिमा इस तरह से रखी हुई है, इसके बाद वे लोग आक्रोशित हो गए और इसकी सूचना स्थानीय थाना और प्रशासनिक अधिकारी को दी.

एक और अन्य ग्रामीण रघुनाथ यादव ने बताया कि सभी जगह मां सरस्वती की पूजा 3 फरवरी को ही हो गई. उनके गांव के स्कूल में लाई गई प्रतिमा की पूजा 5 फरवरी बुधवार को हुई, वह भी तब जब प्रशासन के अधिकारी यहां पर पहुंचे. स्कूल में लाई गई प्रतिमा की पूजा नहीं करवाने में यहां के हेड मास्टर ने लापरवाही दिखाई है. ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि प्रभारी दूसरे धर्म से आते हैं इस कारण वह पूजा नहीं करवाई.

मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी सुमित कुमार आशीष ने कहा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा पूजा नहीं कराए जाने की सूचना पर वे लोग पहुंचे और पूजा अर्चना कराई गई. पहली प्राथमिकता के रूप में मां की प्रतिमा को पूजा की पूजा की गयी है. इस मामले को शिक्षा विभाग के पदाधिकारी और जिलाधिकारी के संज्ञान में दिया जाएगा और जो उचित कार्रवाई होगी वह की जाएगी.

First Published :

February 05, 2025, 20:32 IST

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