नई दिल्ली. देश में पिछले दस वर्षों में करोड़पति इनकम टैक्सपेयर्स की संख्या में पांच गुना वद्धि हुई है. आकलन वर्ष (AY) 2013-14 में जहां केवल 44,078 लोग लोगों ने ही अपनी आय एक करोड़ रुपये या इससे ज्यादा बताई थी, वहीं आकलन वर्ष 2023-24 (वित्तीय वर्ष 2022-23) में यह संख्या बढ़कर लगभग 2.3 लाख हो गई है. यह वृद्धि उच्च आय और बेहतर कर अनुपालन की ओर इशारा करती है. आयकर विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले दस वर्षों में व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या भी 3.3 करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ हो गई है.
AY2023-24 में 1 करोड़ रुपये से अधिक आय की घोषणा करने वाले लोगों में वेतनभोगियों का हिस्सा 52% था. आकलन वर्ष 2022-23 में यह हिस्सा 49.2% तो आकलन वर्ष 2013-14 में यह 51 फीसदी था. हालांकि, 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले वर्ग में वेतनभोगियों की संख्या कम हो गई है, जबकि व्यवसायियों और पेशेवरों की संख्या बढ़ी है. उदाहरण के तौर पर, 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय घोषित करने वाले 23 लोगों में से कोई भी वेतनभोगी नहीं था, जबकि 100-500 करोड़ रुपये आय वर्ग में 262 लोगों में से 19 वेतनभोगी थे.
बढ़ती इनकम के सबूत हैं ये आंकड़े
आकलन वर्ष 2013-14 में केवल एक व्यक्ति ने 500 करोड़ रुपये से अधिक आय की घोषणा की थी, जबकि 100-500 करोड़ रुपये आय वर्ग में दो लोग थे. हालांकि, पिछले आकलन वर्ष की तुलना में 25 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों की संख्या 1,812 से घटकर 1,798 हो गई है. वेतनभोगी वर्ग में भी यह प्रवृत्ति देखने को मिली, जहां 10 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले वेतनभोगियों की संख्या 1,656 से घटकर 1,577 हो गई है.
आय के स्तर में वृद्धि का एक और संकेत यह है कि 4.5 लाख रुपये से 9.5 लाख रुपये के आय वर्ग ने AY2023-24 में 52% आयकर रिटर्न दाखिल किए, जबकि AY2013-14 में 54.6% रिटर्न 1.5-3.5 लाख रुपये आय वर्ग से दाखिल हुए थे. इसके अलावा, 5.5-9.5 लाख रुपये आय वर्ग अब कुल सकल आय का 23% हिस्सा रखते हैं, जो AY2013-14 में 18% था. वहीं, 10-15 लाख रुपये आय वर्ग 12% हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जबकि 25-50 लाख रुपये आय वर्ग 10% हिस्सेदारी रखता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 07:36 IST