खेत में हल चलाया, सड़क पर बेची सब्जी... फिर यूं बदली राम तीरथ की जिंदगी

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खेत में हल चलाया, सड़क पर बेची सब्जी... फिर यूं बदली राम तीरथ की जिंदगी

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: यह कहानी एक ऐसे प्रोफेसर की है, जो तमाम कठिनाइयों के बावजूद सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे और आज के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए. जीवन की कठिन परिस्थितियों को मात देते हुए उन्होंने दो महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिससे उन्होंने इतिहास रच दिया. उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर किसी के पास कुछ करने का सपना, जुनून और मेहनत की लगन हो, तो जीवन की चुनौतियां और आर्थिक समस्याएं कभी भी बाधा नहीं बन सकतीं. एक दिन सफलता अवश्य मिलती है. आइए, इस प्रोफेसर की प्रेरक यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं.

प्रो. राम तीरथ की पृष्ठभूमि
श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया के कृषि अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष, ए. प्रो. राम तीरथ ने अपने जीवन की कहानी साझा की. वह जनपद सुल्तानपुर के मोतीपुर पटखौली गांव से हैं. उनके पिता मुरलीधर एक छोटे किसान थे, और माता का नाम कलही देवी था. आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि आगे की पढ़ाई की सोचना भी मुश्किल था. उनके पास थोड़ी बहुत जमीन थी, जिसमें खेती होती थी. परिवार की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, राम तीरथ ने अपने पिता के साथ खेतों में हल चलाने और सब्जी बेचने का काम किया, लेकिन उनका सपना कुछ बड़ा करने का था.

विषम परिस्थितियों में शिक्षा का संघर्ष
राम तीरथ ने बेहद कठिन परिस्थितियों में अपनी शिक्षा पूरी की. उन्होंने गांव से ही इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की. इसके बाद, वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज से बीएससी (कृषि) की डिग्री प्राप्त की. एमएससी उन्होंने नरेंद्र देव कृषि एवं प्रायोगिक विश्वविद्यालय, फैजाबाद से की, और अंत में काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से कृषि में पीएचडी पूरी की. उनकी पीएचडी प्रो. प्रकाश सिंह “बादल” के मार्गदर्शन में हुई.

डबल सफलता की कहानी
राम तीरथ के जीवन में संघर्ष कभी खत्म नहीं हुआ, लेकिन उनकी मेहनत ने रंग दिखाया. 2010 में उन्हें भारतीय खाद्य निगम (FCI) में गुणवत्ता निरीक्षक (Quality Inspector) के पद पर नियुक्ति मिली. एक बार जब वह घर जा रहे थे, तो उन्होंने सड़क किनारे एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती के फॉर्म बिकते देखे. सकारात्मक सोच के साथ उन्होंने फॉर्म भरा और उसमें भी शानदार सफलता पाई. शिक्षण कार्य से गहरा लगाव होने के कारण उन्होंने क्वालिटी इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ दी और 2017 से श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कृषि अर्थशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं.

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Tags: Ballia news, Local18, Success Story

FIRST PUBLISHED :

October 9, 2024, 10:44 IST

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