Agency:News18 Bihar
Last Updated:January 31, 2025, 15:03 IST
गाय को हिंदू धर्म में माता का दर्जा दिया गया है. साथ ही इसके दूध में कई पोषक तत्व होते हैं. गायों की कई नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें एक ऐसी नस्ल की भी गाय है, जिस गाय का दूध काफी महंगे दर पर बिकता है. इस नस्ल का...और पढ़ें
इस गाय के दूध में है सबसे ज्यादा प्रोटीन के साथ औषधीय गुण
हाइलाइट्स
- छपरा के किसान नरेंद्र सिंह साहीवाल नस्ल की गाय पालकर लाखों कमा रहे हैं.
- साहीवाल नस्ल की गाय का दूध महंगे दाम पर बिकता है.
- गौरी और नंदिनी के आगमन से घर में शांति-समृद्धि आई है.
छपरा:- छपरा के किसान कई नस्ल की गाय पालकर कमाई का एक अच्छा जरिया बने हैं. दूध बेचकर किसान लाखों की कमाई कर रहे हैं. लेकिन छपरा के दिघवारा प्रखंड अंतर्गत आमी गांव निवासी नरेंद्र सिंह उर्फ कुटुम जी एक ऐसी नस्ल गाय पालते हैं, जिस गाय का दूध काफी महंगे दर पर बिकता है. इस नस्ल का गाय पालकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. नरेंद्र सिंह के द्वारा साहीवाल नस्ल का गाय पाला गया है, जो नस्ल छपरा के लिए दुर्लभ माना जाता है. बहुत कम ही किसान इस नस्ल की गाय पालते हैं. बिहार में इस नस्ल की गाय नहीं पायी जाती है. दूसरे राज्य से किसान मंगाकर इसे पालते हैं. इस गाय के दूध में ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. यही वजह है कि मार्केट में इसका दूध महंगे दाम पर बिकता है.
पीठ पर हाथ से सहलाने पर ब्लड प्रेशर होता है ठीक
नरेंद्र सिंह साहीवाल नस्ल का एक बछिया लाए थे, जिसका नाम गौरी रखा. गौरी का बच्चा नंदिनी है, जो गिर नस्ल की है. कहा जाता है कि इस गाय के पीठ पर हाथ से सहलाने पर ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति का ब्लड प्रेशर ठीक हो जाता है. यही नहीं, गिर गाय के दूध में सबसे ज्यादा औषधी गुण भी पाए जाते हैं, जिसकी वजह से सभी गाय के दूधों से इस गाय का दूध सबसे महंगा बिकता है. इस नस्ल की गाय पालकर किसान मोटी कमाई कर सकते हैं.
शौक-शौक में खरीद लाए 60 हजार की बछिया
लोकल 18 से नरेंद्र सिंह ने बताया कि शौक से मैंने साहिवाल नस्ल का बछिया पालने के लिए 60 हजार में खरीदकर लाया, जिसका गौरी नाम रखा. उन्होंने बताया कि उनके घर में आने से घर में भी खुशहाली आई. जब मैंने गौरी में गिर नस्ल का सिमेल डलवाया, तो एक बछिया का जन्म हुआ, जिसका नाम नंदिनी रखा है. यह पूरी तरह से गिर नस्ल की है. उन्होंने बताया कि जब से गौरी और नंदिनी का आगमन घर में हुआ है, तब से घर में शांति-समृद्धि का भी आगमन हुआ है.
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1 लाख में भी नहीं बेचेंगे गाय
उन्होंने कहा कि इन दोनों लोगों के आने से मेरे घर में खुशियां आई हैं. मैं इन लोगों को कभी बेचना नहीं चाहता हूं. अभी बेचने पर 80 से 90 हजार तक मिल सकता है. लेकिन मैं एक लाख में भी अपनी गाय माता को बेचना नहीं चाहता हूं. यह मेरे घर के लिए लक्ष्मी है. यह दोनों नस्ल छपरा में नहीं पाई जाती है. अगर किसान बिजनेस के लिहाज से इसे पालता है, तो इस नस्ल के गाय से अच्छी कमाई होगी. इन दोनों नस्लों की गाय का दूध काफी महंगे दर पर बेचा जाता है.
Location :
Chapra,Saran,Bihar
First Published :
January 31, 2025, 15:03 IST