शरद कालीन गन्ने की बुवाई
शाहजहांपुर: किसान धान की फसल की कटाई के बाद अब शरद कालीन गन्ने की बुवाई कर रहे हैं. शरद कालीन गन्ने की बुवाई पूरी सावधानी के साथ करनी चाहिए. जिससे किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिल सके. क्योंकि गन्ने की फसल एक बार लगाने के बाद 2 से 3 साल तक के किसानों को उत्पादन देती है. जरूरी है कि गन्ने की फसल की बुवाई के वक्त पूरी सावधानी बरतें.
गन्ने की बुवाई करते वक्त रहें सावधान
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी संजीव कुमार पाठक ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि गन्ने की बुवाई पूरी सावधानी के साथ करनी चाहिए. क्योंकि जो बीज एक बार लगाया जाता है. उससे तैयार हुआ पौधा कम से कम 2 साल तक खेत में रहता है. गन्ने की बुवाई करते वक्त खेत की बेहतर तरीके से जुताई करें. मृदा उपचार करने के साथ-साथ बीज उपचारित करने के बाद वैज्ञानिक विधि से गन्ने की बुवाई करें. जिससे किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
कैसे करें खेत को तैयार
प्रसार अधिकारी संजीव कुमार पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि गन्ने की बुवाई करने के लिए खेत की जुताई अच्छे से करें. सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेती गहरी जुताई करें. उसके बाद डिस्क हैरो और फिर कल्टीवेटर चलाकर खेत की मिट्टी को भुरभुरा बना लें. उसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें. खेत की गहरी जुताई करने से जड़ें गहराई तक जाएगी. गन्ने का पौधा लंबा होता है तो ऐसे में जब जड़ें गहराई तक जाएंगी तो पौधा मजबूती के साथ खड़ा रहेगा.
बीज चुनते वक्त रखें ध्यान
गन्ने की फसल लगाते समय बीज का चयन करना बेहद ही जरूरी है. अगर बीज अच्छा होगा तो अच्छा पौधा उगेगा, किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. गन्ने का बीज तैयार करते समय गन्ने के ऊपरी दो तिहाई को ही काटें क्योंकि ऊपरी हिस्से में चीनी की मात्रा कम होती है. पानी की मात्रा ज्यादा रहती है. ऐसे में गन्ने का जमाव बेहतर होता है और उगने वाले पौधे स्वस्थ होते हैं.
बुवाई से पहले बीज उपचार करें
बीज उपचार कर गन्ने की बुवाई करने से भूमिगत कीट और रोगों से बचाव हो जाता है. गन्ने के पौधे स्वस्थ रहते हैं. बीज उपचार करने के लिए 112 लीटर पानी में कारबेंडाजिम मिलाकर घोल बनाकर गन्ने के एक आंख या दो आंख के टुकड़ों को डुबो दें. कुछ देर बाद निकाल कर गन्ने के टुकड़ों की बुवाई कर सकते हैं.
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किस विधि से करें बुवाई
बीज उपचार और खेत को तैयार करने के बाद ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई करें. बुवाई करने के लिए ट्रेंच ओपनर से 1 फीट चौड़ा और 20 से 25 मीटर गहरी नाली बना लें. उसके बाद पांच बोरी एनपीके, 40 से 45 किलो यूरिया और 30 से 35 किलो पोटाश बनी हुई नालियों में बिखेर दें. उसके बाद नाली में समानांतर दो-दो आंखें के 5 टुकड़ों को 1 मीटर की लाइन में रख दें, इसी तरीके से नाली में दूसरी लाइन में भी पांच पांच टुकड़े रख दें. यानी 1 मीटर लंबी नाली में 10 टुकड़े रख दें, ऐसा करने से जमाव बेहतर होगा.
कीटनाशक का भी करें प्रयोग
भूमिगत कीट से गन्ने की फसल को बचाने के लिए फिप्रोनिल 0.3% 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर और 5 लीटर क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी 1875 लीटर पानी में घोल बनाकर नाली में डाल दें. उसके बाद दो से तीन सेंटीमीटर तक मिटटी गन्ने के टुकड़ों के ऊपर डाल दें. ट्रेंच विधि से बुवाई करने से 70 से 75% जमा होता है, जबकि सामान्य विधि से बुवाई करने से 40 से 45% तक ही जमाव हो पाता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 14:46 IST