गेहूं की फसल में खरपतवार का बढ़ा है खतरा, किसान इस विधि से करें दूर

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गेहूं की फसल में खरपतवार का बढ़ा खतरागेहूं की फसल में खरपतवार का बढ़ा खतरा

कन्नौज: यूपी के कन्नौज में बड़े पैमाने पर आलू के बाद किसान गेहूं की खेती करते हैं. ऐसे में फसलों में खरपतवार नाशक का छिड़काव अगर गलत तरीके से या फिर किसी गलत खरपतवार नाशक का प्रयोग कर दिया गया, तो उस फसल को बड़ा नुकसान हो सकता है. खरपतवार नाशक का छिड़काव करने जा रहे हैं, तो किसान पहले कृषि वैज्ञानिकों से सलाह ले लें, नहीं तो तगड़ा नुकसान हो सकता है.  बता दें कि गेहूं की चौड़ी पत्ती और जई पतवार कुछ आसान तरीका से नियंत्रण में किया जा सकता है.

ये खरपतवार होते हैं हानिकारक

गेहूं की फसल में जंगली जई, दूब घास, हिरन, खुरी, बथुआ, खतुआ, चटरी, मटरी, गेहूं का मामा नाम का प्रमुख खरपतवार लगने की प्रबल संभावना रहती है. अगर इसका समय रहते निदान ना किया गया, तो 30% तक की फसल में हानि उठानी पड़ सकती है.

जानें कैसे करें समाधान

गेहूं फसल बुवाई के 30 से 35 दिन बाद या पहली सिंचाई के बाद मेट सल्फोसलफुरान मिथाइल की एक यूनिट दवा एक एकड़ फसल में 180 से 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें. इसके अलावा टू फोर डी सोडियम लवड 80% दवा 1 लीटर को 600 से 800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है. यह कीटनाशक सरकारी गोदाम अथवा पंजीकृत लाइसेंस धारी कीटनाशक विक्रेताओं से ही खरीदना चाहिए तथा उसकी रसीद लेनी चाहिए.

जानें क्या बोले कृषि रक्षा प्रभारी

तालग्राम ब्लॉक के कृषि रक्षा इकाई प्रभारी शिव सिंह बताते हैं कि गेहूं की फसल में खरपतवार का विशेष ध्यान देने वाला होता है. ऐसे में किसान कहीं से भी कोई खरपतवार नाशक या कीटनाशक लेकर अगर गलत तरीके से खेतों में छिड़काव करता है, तो उससे फायदे की जगह नुकसान तक हो सकता है.

ऐसे में कृषि विशेषज्ञों से ही परामर्श करके खरपतवार नाशक का प्रयोग करें. सरकारी गोदाम, पंजीकृत लाइसेंस धारी से ही कीटनाशक खरीदें. पैकेट पर अंकित बैच नंबर उत्पादन और अवसान तिथि देखकर ही खरीदें. रसायनों का सही मात्रा में घोल बनाने के लिए हमेशा साफ पानी का प्रयोग करें. हाथों में दस्ताने चेहरे पर मास्क टोपी पेंट जूते आदि से पूरे शरीर को ढक कर रखें.

वहीं, प्रयोग से संबंधित निर्देशों को ठीक से पढ़कर इसका पालन करें. छिड़काव करने से पूर्व उपकरणों को भली भांति साफ कर लें एवं जांच ले स्प्रे पंप की बंद पाइप या नोजल को. इसके साथ ही उसे मुंह से कभी ना फूंके. इसके साथ ही हवा के विपरीत दिशा में खड़े होकर छिड़काव नहीं करना चाहिए.

Tags: Agriculture, Kannauj news, Local18, UP news

FIRST PUBLISHED :

November 20, 2024, 19:44 IST

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