Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 03, 2025, 14:30 IST
ग्वालियर में पड़ाव पर संगीत के स्मृति चिन्ह बनाए गए हैं. इसमें तबला, वीणा, हारमोनियम, सितार आदि किस्म के संगीत चिह्नों को दिखाया गया है.
ग्वालियर में बनाए गए स्मृति चिन्ह
हाइलाइट्स
- ग्वालियर में संगीत के स्मृति चिन्ह बनाए गए.
- तबला, वीणा, हारमोनियम, सितार आदि दिखाए गए.
- तानसेन की नगरी ग्वालियर संगीत के लिए प्रसिद्ध.
ग्वालियर. संगीत नगरी घोषित होने के बाद ग्वालियर में पड़ाव पर संगीत के स्मृति चिन्ह बनाए गए हैं. इसमें तबला, वीणा, हारमोनियम, सितार आदि किस्म के संगीत चिह्नों को दिखाया गया है, जो सांकेतिक रूप से इस बात का प्रतीक है कि किस प्रकार से ग्वालियर घराना हमेशा से अपने संगीत के लिए प्रसिद्ध रहा है.
ग्वालियर घराना संगीत में हमेशा से तानसेन के कारण प्रसिद्ध रहा है. ग्वालियर तानसेन की सुरमई नगरी है. यहां पर एक जमाने में तानसेन अपनी संगीत की प्रस्तुति दिया करते थे. साथ ही साथ यहां पर संगीत का अभ्यास किया करते थे. इसके अलावा बैजू बावरा ग्वालियर संगीत घराने के रहे हैं. ग्वालियर से कई बड़े-बड़े संगीतजों ने अपना संगीत का सफर शुरू किया. तानसेन का बचपन का नाम रामतनु पांडे था. वह बचपन से ही अद्भुत योग्यता के धनी थे. उनकी संगीत की योग्यता से प्रभावित होकर तानसेन को अकबर ने अपने नवरत्नों में से एक घोषित कर दिया था. तब से लेकर आज तक वर्तमान में भी ग्वालियर में आज भी संगीत को प्रमुख रूप से लिया जाता है .
ग्वालियर से हैं आज भी कई बड़े-बड़े संगीतज्ञ
ग्वालियर के रहने वाले मीत ब्रदर्स बॉलीवुड में अपना नाम कमा चुके हैं. इसके अलावा वर्तमान में भी कई बड़े-बड़े संगीतज्ञ ग्वालियर के रहने वाले हैं. ग्वालियर घराना हमेशा से ध्रुव पद गायन और ख्याल के लिए प्रसिद्ध रहा है, यहां पर शास्त्रीय संगीत में भी अपनी प्रमुख भूमिका निभाई है. इसके अलावा ग्वालियर घराने में आज भी यह संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर के लिए कहावत प्रसिद्ध है कि यहां बच्चे रोते हैं तो सुर में और पत्थर लुढ़कते हैं तो ताल में.
Location :
Gwalior,Madhya Pradesh
First Published :
February 03, 2025, 14:30 IST
ग्वालियर में तानसेन की याद में बनाए गए स्मृति चिन्ह, तबला, सितार, वीणा से सजे