सस्ते लोन की भी मिलेगी सौगात! एक्सपर्ट ने कहा-RBI कर सकता है ब्याज दर में 0.25% की कटौती

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रुपये में गिरावट अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। Photo:FILE रुपये में गिरावट अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।

नए टैक्स रिजीम के तहत बजट 2025 में वित्त मंत्री की तरफ से इनकम टैक्स में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम को टैक्स फ्री कर देने के बाद अब क्या लोन भी सस्ता हो जाएगा? एक्सपर्ट का कहना है कि आरबीआई द्वारा दो साल तक ब्याज दर को रोके रखने के बाद इस सप्ताह प्रमुख ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती किए जाने की संभावना है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, हालांकि एक्सपर्ट्स ने यह भी कहा है कि रुपये में गिरावट अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।

फरवरी 2023 से रेट अपरिवर्तित है

खबर के मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि खुदरा मुद्रास्फीति वर्ष के अधिकांश समय में रिजर्व बैंक के आराम क्षेत्र (6 प्रतिशत से कम) के भीतर रही है, इसलिए केंद्रीय बैंक सुस्त खपत से प्रभावित विकास को बढ़ावा देने के लिए दरों में कटौती कर सकता ​​है। बता दें, इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फरवरी 2023 से रेपो दर (अल्पकालिक उधार दर) को 6. 5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। केंद्रीय बैंक ने पिछली बार कोविड काल (मई 2020) के दौरान दर में कटौती की थी और उसके बाद इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया।

बुधवार से शुरू हो रही एमपीसी की मीटिंग

भारतीय रिजर्व बैंक के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​बुधवार से शुरू होने वाली अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। छह सदस्यीय पैनल का फैसला शुक्रवार (7 फरवरी) को घोषित किया जाएगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि इस महीने ब्याज दरों में कटौती की संभावना अधिक है। आरबीआई ने पहले ही नकदी बढ़ाने के उपायों की घोषणा की है, जिससे बाजार की स्थिति में सुधार हुआ है। दरों में कटौती के लिए यह एक शर्त प्रतीत होती है। केंद्रीय बजट ने प्रोत्साहन दिया है और इसे समर्थन देने के लिए रेपो दर को कम करना उचित हो सकता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

भारतीय रिजर्व बैंक ने 27 जनवरी को बैंकिंग प्रणाली में 1.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालने के उपायों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हम विशेष रूप से जीडीपी के पूर्वानुमान में कुछ बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि एनएसओ ने वर्ष के लिए 6.4 प्रतिशत का अनुमान लगाया था। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री और शोध एवं आउटरीच प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि दिसंबर 2025 की नीति बैठक के बाद से विकास मुद्रास्फीति की गतिशीलता में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि फरवरी 2025 की नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में संतुलन झुका हुआ है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि अगर वैश्विक कारक इस सप्ताह के दौरान भारतीय रुपया/अमेरिकी डॉलर क्रॉस रेट में और अधिक कमजोरी का कारण बनते हैं, तो प्रत्याशित ब्याज दरों में कटौती अप्रैल 2025 तक टल सकती है।

रुपये की हालत पस्त

सोमवार को रुपया 55 पैसे गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.17 (अनंतिम) के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। शनिवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में मांग को बढ़ावा देने के मकसद से खासतौर पर मध्यम वर्ग के लिए उपभोग को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख इनकम टैक्स की घोषणा की गई है।

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