घर बनाने का कर रहे प्लान, नींव में डाल दें ये पत्थर; बरसने लगेगी भगवान की कृपा

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पूजन

पूजन करती महिलाएं.

सागर. नया घर बनवाने वालों के मकान में हमेशा सुख समृद्धि रहे, परिवार में खुशहाली हो, भगवान का आशीर्वाद बना रहे ऐसी सभी की कामना होती है, लेकिन ऐसा उन लोगों के घर में होता भी है जो निर्माण के समय मकान की नींव में विश्रभा (कंकड़ पत्थर) डालते हैं. यह पत्थर महिलाओं के कठिन जप तप व्रत करने से मिलते हैं. इसके लिए वे सुबह 4:00 बजे से उठकर नदी या कुएं पर जाकर स्नान करती हैं, गीत गाती हैं और अपने भगवान की सेवा भाव के साथ पूजा अर्चना करती हैं.

एक महीने तक दिन भर में केवल एक ही अनाज से बने भोजन को एक बार लेती हैं. रोजाना जहां पर स्नान करने जाती हैं, वहीं से एक पत्थर लेकर आती हैं. इस तरह से 30 दिन के 30 पत्थर हो जाते हैं फिर आखिरी दिन इनकी विशेष पूजा होती है, फिर उनको अपने घर में रख लेते हैं. जब कभी मकान का निर्माण होता है तो उसकी नींव में डाल देते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान श्री कृष्ण की घर पर हमेशा कृपा बनी रहती है.

40 वर्षों से कार्तिक स्नान का व्रत
सागर के गोपालगंज की शिववती बताती हैं कि वे पिछले 40 वर्षों से कार्तिक स्नान का व्रत अपनी सखियों के साथ कर रही हैं. कार्तिक महीने के अंतिम दिन सत्य की परीक्षा होती है यानी कार्तिक के पहले दिन भगवान को एक कपड़े में बांधते हैं, जिसमें सुपारी जवा और भगवान साथ होते हैं. इनको रोज स्नान करवाते हैं, जो नियम के साथ इस व्रत को करता है. उसके जवा एक महीने तक रोज पानी में भीगने पर भी सूखे निकलते हैं. और जिसके द्वारा नियम का पालन नहीं किया जाता उनके जवा में अंकुरण हो जाता है.

शिव मंदिर में महिलाओं ने की पूजा
कार्तिक चतुर्दशी के दिन गोपालगंज की नखरे गली की सखियों ने शिव मंदिर में एक साथ बैठकर पूजन किया. इस पूजन में सभी महिलाएं अपने घर से मैदे से बना खाखड़ा लेकर आई थी और इसमें गेहूं के ऊपर इनको रखकर घर बनाया जाता है. अंदर भगवान विराजते हैं उनकी पूजा होती है जो पत्थर 30 दिन तक एकत्रित करते हैं. उनके साथ में रखते हैं, विधिवत पूजन के बाद आरती होती है और इन पत्थर को ले जाकर घर में सुरक्षित स्थान पर रख लेते हैं.

शिव मंदिर के पुजारी रानू पंडित बताते हैं कि वह 12 वर्षों से यहां पूजन कर रहे हैं. कार्तिक महीने में परंपरागत रूप से महिलाओं के द्वारा नियम के साथ व्रत किया जाता है. इस दौरान भी भगवान श्री कृष्ण की खूब सेवा भाव के साथ आराधना होती है. एक महीना होने के बाद पूर्णिमा को अंतिम पूजन किया जाता है.

Tags: Local18, Mp news, Sagar news

FIRST PUBLISHED :

November 15, 2024, 10:10 IST

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