चाय के शौकीन सावधान! टी बैग का कर रहे इस्तेमाल, हो सकती ये जानलेवा बीमारी

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 07, 2025, 11:46 IST

Tea Bag: टी बैग में माइक्रोप्लास्टिक होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. बार्सिलोना के शोध में पाया गया कि इनमें पॉलिएस्टर, नायलॉन-6 और पॉलीप्रोपाइलीन होते हैं.

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टी बैग (फाइल फोटो).

हाइलाइट्स

  • टी बैग में माइक्रोप्लास्टिक से कैंसर का खतरा.
  • पॉलिएस्टर, नायलॉन-6 और पॉलीप्रोपाइलीन होते हैं.
  • चाय का अधिक सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.

Side Effects of Tea Bags. मौजूद समय में टी बैग का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है. स्टेशन से लेकर होटल तक हर जगह टी बैग के जरिए चाय परोसी जा रही है. ताजा रिसर्च में यह है सामने निकल कर आया है कि टी बैग में लाखों नुकसानदायक माइक्रो प्लास्टिक होते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बना रहता है. यह हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते ही हैं. साथ ही कई तरह की बीमारियों को भी न्योता देते हैं.

बता दें, हाल ही में स्पेन में हुए एक शोध में सामने आया कि इन टी बैग की बाहरी परत को बनाने में आमतौर पर पॉलिएस्टर नामक मैटेरियल का उपयोग किया जाता है. इसे गर्म पानी में डालने पर बड़ी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स (प्लास्टिक के बहुत छोटे टुकड़े) और रेशेदार संरचनाएं निकलती हैं. यह हमारे शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक होती हैं.

चाय का ज्यादा सेवन सेहत के लिए हानिकारक
लोकल 18 से बात करते हुए डाइटिशियन और हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर रश्मि श्रीवास्तव का कहना है कि आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास कम समय होता है. ऐसे में लोग रेडीमेड टी बैग अपने साथ रखते हैं, जिससे कहीं भी जरूरत पड़ने पर वह चाय पी सकें. हालांकि चाय का ज्यादा सेवन सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है.

डॉ. रश्मि बताती हैं कि चाय का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद टैनिन एंटी एब्जोर्बेंट और एंटी न्यूट्रीएंट तत्व पाए जाते हैं. जो कई न्यूट्रिएंट को अवशोषित करने नहीं देते हैं. इसके अतिरिक्त टी बैग के इस्तेमाल से इसमें मौजूद माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर की आंतों में पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचा सकता है. साह ही इसका याददाश्त पर भी भारी असर पड़ता है.

जांच में क्या आया सामने
बार्सिलोना के स्वायत्त विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह कण हमारी आंतों की कोशिकाओं में घुस जाते हैं और वहां से हमारे रक्त में प्रवेश कर पूरे शरीर में फैल जाते हैं. शोधकर्ताओं ने बाजार में उपलब्ध कई तरह के टी बैग की जांच की तो इनमें नायलॉन-6, पॉलीप्रोपाइलीन और सेल्यूलोज जैसे माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स पाए गए.

Location :

Bhopal,Madhya Pradesh

First Published :

February 07, 2025, 11:46 IST

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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