छोटी काशी मंडी में पहली बार आयोजित होगा मांडव उत्सव , नगर निगम ने शुरू की तैयारियां, जानिए कौन है मांडव ऋषि?
मंडी. छोटी काशी को जिन मांडव ऋषि के नाम से पहचान मिली है, उनको समर्पित एक दिवसीय उत्सव मनाया जायेगा. आज से पहले यह उत्सव कभी नहीं मनाया गया है और नगर निगम मंडी ने यह पहल की है, ताकि मांडव ऋषि भी हर साल याद किए जा सकें. पहले भी इस उत्सव को शुरू करने पर विचार किए गए, मगर अब जाकर प्रयास सफल हुए हैं और अब यह हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा.
इस आयोजन को लेकर महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा के ने बताया कि निगम द्वारा निर्णय लिया गया कि 15 नवंबर प्रातः साढ़े 10 बजे राजदेवता श्री माधवराय मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद श्री माधवराय जी की शोभायात्रा बाबा भूतनाथ मंदिर से शुरू होकर ऋषि मांडव की तपोस्थली मांडव शिला तक जाएगी. इस एक दिवसीय मेले में जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, तो वहीं इसमें स्थानीय लोगों और कारोबारियों को दुकान आदि लगाकर आर्थिक लाभ अर्जित करने का भी मौका मिलेगा. इसके अलावा शहर के लोग व अन्य लोगों को टांकरी भाषा सीखने की कार्यशाला भी नगर निगम द्वारा 15 नवंबर और इसके पश्चात तीन दिन की जाएगी. इस कार्यक्रम में प्राचीन मंदिरों , बावड़ियों , दोन , पदके व बरसेलों की जानकारी के लिए निगम द्वारा कॉफी टेबल बुकलेट को भी प्रकाशित किया जाएगा .
ये है मांडव नगर का इतिहास
छोटी काशी मंडी जिसे पहले मांडव नगर के नाम से भी जाना जाता था. भारत का एक समृद्ध इतिहास वाला शहर है. यह शहर कई शताब्दियों से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है. इसका ऐतिहासिक संदर्भ 6वीं शताब्दी ईस्वी तक जाता है. इसकी स्थापना 6वीं शताब्दी में राजा साहिल वर्मन ने की थी और इसे शुरू में मांडव नगर के नाम से जाना जाता था. क्योंकि माना जाता है कि ऋषि मांडव ने यहां ध्यान किया था. इसलिए उनके नाम पर ही यह मांडव नगर बनी थी. मंडी की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और यह अपनी पारंपरिक कला संगीत और त्योहारों के लिए जाना जाता है. हिंदू त्योहार शिवरात्रि के दौरान आयोजित अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला एक भव्य उत्सव है जो भारत और विदेशों के विभिन्न हिस्सों से लोगों को आकर्षित करता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 24, 2024, 16:46 IST