जब जीतते हैं तो EVM हैक नहीं होता... बैलेट पेपर की मांग पर SC ने लगा दी क्लास

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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर को फिर से लागू करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने कहा कि मशीनों पर केवल तब आरोप लगाया जाता है जब कोई चुनाव हारता है. इस पीआईएल को के.ए. पॉल ने दाखिल किया था.

दो जजों की पीठ की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, “जब आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं होती. जब आप चुनाव हारते हैं, तो ईवीएम में गड़बड़ी होती है. जब चंद्रबाबू नायडू हारे, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. अब इस बार, जब जगन मोहन रेड्डी हारे, तो उन्होंने भी कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है.”

शीर्ष अदालत की तरफ से ये टिप्पणियां तब आईं जब पॉल, जो खुद अपनी याचिका पर बहस कर रहे थे, ने 2018 में नायडू के ट्वीट्स और हाल ही में रेड्डी के सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट्स का हवाला दिया, जिसमें चुनाव हारने के बाद ईवीएम में गड़बड़ी की संभावना का आरोप लगाया गया था.

पॉल ने खुद को जस्टिस पी बी वराले की पीठ के सामने ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के अध्यक्ष के रूप में पेश किया, जो एक अमेरिकी एनजीओ है. पॉल ने दावा किया कि उन्होंने “3,10,000 अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया” है. उन्होंने बताया कि वह अभी-अभी लॉस एंजिल्स में हुए ग्लोबल पीस समिट से लौटे हैं और उनकी जनहित याचिका को लगभग 180 रिटायर आईएएस या आईपीएस अधिकारियों और न्यायाधीशों का समर्थन हासिल है.

पॉल ने दावा किया कि वह 43 वर्षों से मानवतावादी क्षेत्र में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “यहां के पिछले छह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री, वर्तमान प्रधानमंत्री सहित, मेरे शिखर सम्मेलन में शामिल हुए हैं.” उन्होंने यह भी बताया कि 18 राजनीतिक दलों ने उनके बैलेट पेपर की याचिका का समर्थन किया है.

जस्टिस नाथ ने उनसे पूछा कि वह क्यों नहीं चाहते कि भारत बाकी दुनिया से अलग नजरिया अपनाए. पॉल ने जवाब दिया कि यह चुनावों में भ्रष्टाचार के कारण है. अपनी बात को मजबूत करते हुए, याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनाव आयोग ने हाल ही में खुलासा किया था कि उसने 9,000 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. याचिकाकर्ता ने एलन मस्क के बयानों का भी हवाला दिया कि ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सकती है. हालांकि, बेंच इससे प्रभावित नहीं हुई और जनहित याचिका को खारिज कर दिया.

Tags: Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

November 26, 2024, 19:46 IST

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