Last Updated:February 07, 2025, 11:37 IST
Cyber Fraud Protection : आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी बैठक के बाद बताया कि आम आदमी के साथ बढ़ती साइबर धोखाधड़ी बड़ी चिंता का विषय है और इसे सभी हितधारकों को मिलकर रोकना होगा. इसके लिए बैंकों का डोमेन तक बदला जाएगा.
हाइलाइट्स
- आरबीआई ने साइबर फ्रॉड रोकने के लिए कदम उठाए.
- बैंकों का डोमेन बदलकर fin.in जोड़ा जाएगा.
- अप्रैल से नए डोमेन का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा.
नई दिल्ली. साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं पर लगाम कसने और आम आदमी के खातों को सुरक्षित बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने पुख्ता प्लानिंग कर ली है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साइबर फ्रॉड पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने साफ कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा. आरबीआई ने बैंकों में फ्रॉड रोकने के लिए कई कदम उठाने की बात कही है.
आरबीआई ने आम आदमी को डिजिटल फ्रॉड से बचाने के लिए बैंकों और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) से अपील की है कि वे साइबर रिस्क से जुड़े अपने तंत्र को और पुख्ता बनाएं. गर्वनर ने कहा कि डिजिटल फ्रॉड से निपटने के लिए किसी एक के प्रयास से काम नहीं चलेगा, बल्कि सभी हितधारकों को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा. गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक अपने स्तर से भी कुछ बदलाव करेगा, जो अप्रैल से लागू किए जाएंगे.
विदेशी भुगतान की होगी निगरानी
आरबीआई गवर्नर ने डिजिटल फ्रॉड में हो रही बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए विदेशी भुगतान की निगरानी पर भी जोर दिया. उन्होंने देश की सीमा के बाहर किए जाने वाले किसी भी भुगतान को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए दो स्तरीय ऑथेंटिकेशन का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा निवेशकों के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में लॉन्ग टर्म निवेश का भी प्रस्ताव रखा है. यह निवेशकों के जोखिम का सही तरीके से प्रबंधन कर सकता है.
बैंकों के लिए आएगा नया डोमेन
आरबीआई गवर्नर ने साइबर फ्रॉड रोकने के लिए बैंकों का डोमेन बलदने की बात कही है. उन्होंने बताया कि बैंकों की वेबसाइटों का डोमेन बदलकर fin.in भी जोड़ दिया जाएगा. इससे ग्राहकों के खाते में सेंधमारी करना मुश्किल होगा. नए डोमेन का रजिस्ट्रेशन इसी साल अप्रैल से शुरू कर दिया जाएगा. गवर्नर ने कहा कि मैं चाहूता हूं कि सभी हितधारक मिलकर इस चिंता को दूर करने का प्रयास करें.
बदल सकता है इंटरनेट
बैंकिंग मामलों के जानकार और वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा का कहना है कि साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए आरबीआई नई इंटरनेट कंपनी बनाने पर भी विचार कर सकती है. उन्होंने बताया कि अभी ज्यादातर सरकारी बैंक बीएसएनएल के नेटवर्क पर चलते हैं, जबकि कुछ फैसिलिटीज एयरटेल के इंटरनेट पर उपलब्ध कराई जाती हैं. माना जा रहा है कि सरकार बीएसएनएल से ही नई कंपनी या सर्वर बनाकर बैंकों को इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए कह सकती है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 07, 2025, 11:37 IST