Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:February 11, 2025, 18:34 IST
Jharkhand News: झारखंड बीते साल सुखाड़ या अकाल की श्रेणी से बाहर रहा. पलामू के इलाके में हमेशा ही सुखाड़ वाली स्थिति रही है. लेकिन, बीते साल ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. किसानों के खेत धान की फसल से लहलहाते नजर आए. राज...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- झारखंड में धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है.
- बीजेपी ने सरकार पर किसानों का भरोसा न होने का आरोप लगाया.
- कांग्रेस ने भी अधिक धान खरीद केंद्र खोलने की जरूरत बताई.
रांची. झारखंड धान खरीद की सुस्त रफ्तार ने सरकार की चुनौती बढ़ा दी है. साल 2024-25 के लिए सरकार ने 60 लाख क्विंटल खरीद का लक्ष्य रखा है. लक्ष्य के एवज में अब तक मात्र 18 लाख 15 हजार 317 क्विंटल ही धान खरीद हो पाई है. बीजेपी ने धान खरीद को लेकर राज्य सरकार पर किसानों का भरोसा उठ जाने का आरोप लगाया है. वही कांग्रेस ने भी कहा है कि इस मामले में सरकार और संगठन दोनों गंभीर है और किसानों के बीच धान खरीद केंद्र की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है .
झारखंड बीते साल सुखाड़ या अकाल की श्रेणी से बाहर रहा. पलामू के इलाके में हमेशा ही सुखाड़ वाली स्थिति रही है. लेकिन, बीते साल ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. किसानों के खेत धान की फसल से लहलहाते नजर आए. राज्य में धान की अच्छी पैदावार की बात सरकार ने स्वीकार की. लेकिन, जब राज्य सरकार ने किसानों के लिए 2400 रुपए क्विंटल धान खरीद के लिए केंद्र की शुरुआत की तो किसानों का सरकार के धान अधिप्राप्ति केंद्र पर भरोसा नहीं दिख रहा.
जानें धान खरीद से जुड़ी अहम बातें
झारखंड में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 60 लाख क्विंटल
11 फरवरी की शाम तक मात्र 18 लाख 15 हजार 317 क्विंटल की हुई खरीददारी
राज्य में 737 धान अधिप्राप्ति केंद्र की हुई है स्थापना
अब तक लाभुक किसानों की संख्या 30 हजार 910
धान अधिप्राप्ति में धनबाद जिला 27 हजार 211 क्विंटल के साथ सबसे पीछे
हजारीबाग जिला 2 लाख 19 हजार 945 क्विंटल धान अधिप्राप्ति के साथ है सबसे आगे
BJP ने साधा बड़ा निशाना
राज्य की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक का आरोप है कि आंकड़े बताने के लिए काफी है कि किसानों को राज्य सरकार भरोसा नहीं है. राज्य सरकार ने धान अधिप्राप्ति को लेकर जो व्यवस्था बनाई है वो किसानों के लिए फायदेमंद नहीं. यही वजह है कि किसान औने-पौने दर पर बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर है.
कांग्रेस ने भी माना अधिक केंद्र खोलने की जरूरत
सत्ताधारी दल कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने भी ये माना है कि किसानों के बीच सरकारी धान क्रय केंद्र को लेकर जागरूक करने की जरूरत है. इसके साथ ही राज्य में ज्यादा से ज्यादा धान अधिप्राप्ति केंद्र खोले जाने चाहिए. ऐसा करने से ग्रामीण इलाकों में बिचौलियों का सिंडिकेट कमजोर होगा. किसानों को सरकार के समक्ष धान बेचने और नहीं बेचने का फायदा-नुकसान समझाना होगा. साल 2021-22 के बाद से झारखंड में धान अधिप्राप्ति की रफ्तार काफी धीमी है . पिछले दो साल में सरकार किसानों से धान खरीदने में लक्ष्य से काफी पीछे छूट गई . इस बार भी जो रफ्तार है उससे लक्ष्य तक पहुंच पाना नामुमकिन सा लगता है .
Location :
Ranchi,Ranchi,Jharkhand
First Published :
February 11, 2025, 18:34 IST