ट्रंप की इस रणनीति से भारत को लग सकता है झटका! अभी से सतर्क हो गई सरकार

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Last Updated:January 23, 2025, 07:43 IST

India-America Trade : वैसे तो भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है, लेकिन ट्रंप के आने के बाद थोड़ी आशंका पैदा हो रही है. कुछ सूत्रों का कहना है कि अब दोनों देशों में व्‍यापार और गहरा हो जाएगा तो...और पढ़ें

ट्रंप की इस रणनीति से भारत को लग सकता है झटका! अभी से सतर्क हो गई सरकार

डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका फर्स्‍ट की नीति बनाई है.

नई दिल्‍ली. अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप की वापसी के बाद नीतियों को लेकर लुकाछुपी का खेल जारी है. कभी तो ऐसा लगता है कि अमेरिका अब भारत के ज्‍यादा करीब आ जाएगा तो कभी ट्रंप साहब की नीतियां हमसे दूर जाती दिखाई देती हैं. पहले तो उन्होंने टैरिफ बढ़ाने की बात कहकर हलचल मचा दी और अब उनकी ‘अमेरिका फर्स्‍ट’ वाली नीति से भारत पर दबाव बढ़ सकता है.

सूत्रों का कहना है कि भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘अमेरिका प्रथम व्यापार नीति’ ज्ञापन का परीक्षण कर रहा है, ताकि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर इसके प्रभाव का आकलन किया जा सके. भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार अमेरिका है. इस लिहाज से भारत के लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर ट्रंप की इस रणनीति का उस पर क्‍या और कितना असर पड़ सकता है.

भारत के लिए अच्‍छे संकेत भी
सूत्रों का यह भी कहना है कि राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस का अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) को दिया गया निर्देश भारत जैसे देशों के लिए एक सकारात्मक घटनाक्रम है. यूएसटीआर को उन देशों को चिह्नित करने के लिए कहा गया है जिनके साथ अमेरिका द्विपक्षीय या क्षेत्र-विशिष्ट आधार पर समझौतों को लेकर बात कर सकता है. लिहाजा सरकार इस ज्ञापन का अध्ययन और परीक्षण कर रही है.

अभी चिंता करने की जरूरत नहीं
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हमें कोई भी रणनीति बनाने से पहले चीजों का मूल्यांकन करना होगा. इसे सामान्य रूप से पढ़ने से अभी तक मुझे ऐसा कुछ नहीं दिखता है जिसे लेकर हमें चिंतित होने की जरूरत हो. हमारी हर जांच कार्रवाई में तब्दील नहीं होती है. इसके साथ ही सरकार अमेरिका में प्रमुख व्यापार अधिकारियों की नियुक्ति की पुष्टि का भी इंतजार कर रही है. इसकी पुष्टि में थोड़ा समय लगेगा. नियुक्तियों की एक बार पुष्टि हो जाने के बाद चर्चा होगी, क्‍योंकि भारत और अमेरिका अच्छे व्यापारिक साझेदार हैं.

पहले भी हुई थी दोनों में चर्चा
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत और अमेरिका ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक छोटे व्यापार समझौते पर चर्चा की थी. जो बाइडन के कार्यकाल में इसे टाल दिया गया था क्योंकि वह मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के पक्ष में नहीं थे. ताजा संकेतों को देखते हुए भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत बहाल हो सकती है. आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने कहा है कि अगर अमेरिका घरेलू वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाता है तो भारत को भी समान उपायों के साथ जवाब देना चाहिए. वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका 119.71 अरब डॉलर के द्विपक्षीय कारोबार के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था. इसमें 77.51 अरब डॉलर का निर्यात, 42.19 अरब डॉलर का आयात और 35.31 अरब डॉलर का व्यापार घाटा शामिल था.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

January 23, 2025, 07:43 IST

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