ठंड में बिहारियों की पहली पसंद है भक्का, बेहद स्वादिष्ट और दाम में भी है सस्ता

6 hours ago 1

X

आपने

आपने कभी खाया है बिहार में देशी भक्का नहीं तो एक चखे जरूर

विक्रम कुमार झा/ पूर्णिया: ठंड के मौसम में बिहार के कोसी-सीमांचल क्षेत्र में एक खास डिश भक्का लोगों के दिलों पर राज करता है. सादगी और शुद्धता से भरपूर यह पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है. खास बात यह है कि इसे बिना तेल और मसाले के, सिर्फ भाप में पकाया जाता है.

ठंड के मौसम का खास नाश्ता
भक्का पूर्णिया और आसपास के इलाकों में ठंड के समय विशेष रूप से बनाया और खाया जाता है. इसे चावल और गुड़ से तैयार किया जाता है और पकाने के लिए भाप का उपयोग होता है. यह शुद्ध देसी नाश्ता स्थानीय लोगों का पसंदीदा है. पूर्णिया के हरदा बाजार में भक्का बनाने और बेचने वाली माला देवी बताती हैं कि वह पिछले 20 वर्षों से इसे बना रही हैं.

भक्का बनाने की पारंपरिक विधि
भक्का बनाने की प्रक्रिया बेहद अनोखी है:
1. चावल भिगोना और सुखाना: चावल को पानी में भिगोने के बाद हल्की धूप में सुखाया जाता है.
2. पिसाई: नमी के साथ चावल को चक्की पर हाथ से पीसकर तैयार किया जाता है.
3. भाप में पकाना: चावल और गुड़ को मिलाकर सूती कपड़े में लपेटा जाता है. इसे गर्म पानी से भरी हांडी पर रखकर भाप में पकाया जाता है.

ग्राहकों को भक्का का स्वाद पसंद
स्थानीय ग्राहक प्रीतम कुमार, चंदेश्वर दास और मुरलीधर गोस्वामी ने बताया कि यह व्यंजन पूरी तरह से शुद्ध और स्वच्छ है. इसमें तेल और मसाले का कोई उपयोग नहीं होता, जिससे यह सेहत के लिए भी लाभकारी है। ठंड के मौसम में सुबह-शाम इसे नाश्ते में खाने का आनंद ही अलग है.

इडली-सांभर को देती है टक्कर
भक्का का स्वाद साउथ इंडिया की प्रसिद्ध इडली-सांभर को कड़ी टक्कर देता है. माला देवी ने बताया कि बदलते समय के साथ लोग इडली-सांभर जैसे आधुनिक व्यंजनों को प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन बिहार का यह देसी भक्का अपने शुद्ध स्वाद और पोषण के कारण अलग पहचान रखता है.

सस्ता और स्वादिष्ट विकल्प
भक्का बेचने वाली माला देवी इसे बेहद किफायती बताती हैं. वह इसे ₹15 में दो पीस के हिसाब से बेचती हैं. उन्होंने कहा कि आधुनिक व्यंजनों की ओर झुकाव के बावजूद भक्का का स्वाद आज भी लोगों को आकर्षित करता है.

बिहार के पारंपरिक स्वाद को बढ़ावा देने की जरूरत
कोसी-सीमांचल क्षेत्र का यह व्यंजन न केवल ठंड के मौसम की खासियत है, बल्कि यह बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है. आधुनिक व्यंजनों की ओर बढ़ते रुझान के बीच भक्का जैसी पारंपरिक डिश को प्रोत्साहन की जरूरत है. अगर आप बिहार के पूर्णिया में हैं, तो हरदा बाजार में जाकर इस अनोखे देसी भक्का का स्वाद जरूर लें.

Tags: Bihar News, Local18, Purnia news

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 12:42 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article