'ढकेलकर कर देंगे दफ्न', महिला का खदान कंपनी पर गंभीर आरोप; कहा पति की मौत के..

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 04, 2025, 23:48 IST

Balaghat News: बालाघाट के पौनिया गांव में टेम्भरे परिवार अपनी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठा है. खदान कंपनी पर जमीन हड़पने का आरोप है, जिससे परिवार की रोजी-रोटी पर असर पड़ा. न्याय न मिलने पर परिव...और पढ़ें

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आमरण अनशन

हाइलाइट्स

  • टेम्भरे परिवार जमीन विवाद में आमरण अनशन पर बैठा.
  • चार साल से खदान कंपनी पर जमीन कब्जाने का आरोप.
  • अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बालाघाट. बालाघाट जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर पौनिया नाम का एक गांव है. यहां पर एक परिवार आमरण अनशन पर बैठा हुआ है. दरअसल, चार साल पहले टेम्भरे परिवार की जमीन पर एक खदान कंपनी ने कब्जा किया और गहरी खाई खोद दी. ऐसे में परिवार न्याय पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. भूमि स्वामी डूलीराम टेम्भरे की हार्ट अटैक से मौत हो गई. वहीं, बेटे राकेश की पढ़ाई भी छूट गई. ऐसे में आमरण अनशन एक आखिरी रास्ता है. लोकल 18 ने पूरी स्टोरी को कवर किया है. यहां जानें पूरा मामला…

बालाघाट जिले के तिरोड़ी तहसील के पौनिया गांव में एक मैंगनीज खदान है. इस खदान को मेसर्स सुखदेव गोयनका नाम की कंपनी ने साल 2066 तक के लिए लीज पर लिया हुआ है. ऐसे में टेम्भरे परिवार का आरोप है कि खदान संचालक ने उनकी 80 डिसमिल जमीन को हड़प लिया और वहां खुदाई कर दी. अब उस जमीन पर एक गहरी खाई तैयार हो चुकी है. इसकी शिकायत पटवारी से लेकर कलेक्टर तक की गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई. ऐसे में चार साल बीत जाने के बाद भी टेम्भरे परिवार को न्याय नहीं मिल पाया है. अब वह आमरण अनशन पर बैठे हैं. परिवार का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता तब तक वह अनशन पर बैठे रहेंगे.

पति की हो गई मौत
अनशन पर बैठी भागवंता बाई टेम्भरे ने लोकल 18 को बताया कि वह चार सालों से अपनी जमीन की लड़ाई लड़ रही हैं. पूरा परिवार खेती पर ही निर्भर है. अगर इस तरह कोई भी किसी जमीन पर कब्जा करता है, तो उनकी रोजी रोटी प्रभावित होती है. उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में उनके पति डुलीराम टेम्भरे को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. ऐसे में अक्टूबर 2023 में उनकी मौत हो गई. वहीं, आर्थिक स्थित खराब होने के कारण बेटे राकेश टेम्भरे को 12वीं के बाद नहीं पढ़ाया जा सका और उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी.

सिर्फ आश्वासन देते हैं अधिकारी
टेम्भरे परिवार का कहना है कि इस मामले में हर अधिकारी से मुलाकात की लेकिन किसी ने भी कोई सहयोग नहीं किया. जब शिकायत लेकर जाते हैं, तो कहते हैं आवेदन दे दीजिए, हम इसकी जांच करेंगे. लेकिन सिर्फ खानापूर्ति होती है और कोई कार्रवाई नहीं होती. अब हमारे पास अनशन के अलावा कोई और रास्ता नहीं बच रहा है.

आपको बता दें कि मेसर्स सुखदेव गोयनका नाम की कंपनी को ग्राम पौनिया में माइनिंग के लिए 20 एकड़ जमीन लीज पर मिली है. जिसकी अवधि साल 2016 से लेकर 2066 तक है.

खदान के लोग डराते धमकाते है- टेम्भरे परिवार

अनशन पर बैठे पारस टेम्भरे ने बताया कि इस मामले को लेकर कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी अक्सर धमकी देते हैं. वो कहते है कि तुम गांव में अकेले हो तुम्हें खदान में ढ़केल देंगे और जेसीबी से दफ्न कर देंगे. वहीं, इसकी शिकायत लेकर थाने में जाते हैं, तो खदान का नाम सुनकर रिपोर्ट भी नहीं लिखते है.

परिवार ने कोर्ट में दाखिल किया केस
मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में टेम्भरे परिवार ने सिविल कोर्ट और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. वहीं, मेसर्स सुखदेव गोयनका मैंगनीज खदान ने एसडीएम कार्यालय में सीमांकन के लिए आवेदन किया है. टेम्भरे परिवार ने बताया कि इस मामले में पहले ही तीन बार सीमांकन किया जा चुका है, जो टेम्भरे परिवार के पक्ष में आया है. वहीं, इस मामले में लोकल 18 ने कंपनी से बात करने की कोशिश की. कंपनी के चौकीदार ने बताया कि सभी अधिकारी छुट्टी पर गए हुए हैं.

Location :

Balaghat,Madhya Pradesh

First Published :

February 04, 2025, 23:48 IST

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