69वीं बीपीएससी परीक्षा में पूरे बिहार में दूसरा रैंक हासिल किया
गया- पिता पटना के फुटपाथ और गुमटी में बैठकर किताब बेचते थे और अब बेटे ने डीएसपी बनकर अपने परिवार और जिले का नाम रौशन किया है. जी हां, बीपीएससी 69 वीं परीक्षा के रिजल्ट में गया जिले के कुजापी के रहने वाले सर्वेश कुमार को पूरे बिहार में दूसरा स्थान मिला है. सर्वेश को चौथे प्रयास में यह सफलता मिली है. इससे पहले 66वीं बीपीएससी परीक्षा में एक नंबर से चूक गए थे. जबकि 67वीं बीपीएससी में रिजल्ट नहीं आया था. वहीं 68वीं परीक्षा में इंटरव्यू में कुछ अंक से चूक गए थे जिसके बाद इनका हौसला टूट गया था.
इनका हौसला टूटने के बाद उनके परिवार के लोगों ने इन्हें काफी सपोर्ट किया और 69वीं बीपीएससी परीक्षा में पूरे बिहार में दूसरा रैंक हासिल किया. फिलहाल सर्वेश कुमार के पिता गया शहर के एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और किताब की दुकान चलाते हैं वहीं माता गृहणी है और इनके बडे भाई बीपीएससी शिक्षक हैं. सर्वेश की इस सफलता में इनके घर परिवार पत्नी सबका भरपूर सहयोग रहा. शादी के बाद भी इन्होंने पढाई जारी रखी और घर में ही सेल्फ स्टडी कर इस मुकाम को हासिल किया.
8 से 10 घंटा पढ़ाई करते थे सर्वेश
सर्वेश प्रतिदिन 8-10 घंटा पढाई करते थे. सर्वेश की प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई गया से ही हुई है जबकि एनआईटी अगरतला से बीटेक किया फिर 2018 में यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी. यूपीएससी के तैयारी के बाद इन्होंने पहली बार 66वीं बीपीएससी का परीक्षा दिया जिसमें एक नंबर से चूक गये और फिर इन्होंने बीपीएससी पर ध्यान केंद्रित कर लिया. इसके बाद लगातार बीपीएससी के परीक्षा में शामिल हुए लेकिन थोडी से चूक होने के कारण सफलता नहीं मिली. लेकिन 69वीं परीक्षा में अच्छे अंक लाकर पूरे राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया.
लगातार 3 परीक्षाओं में मिली असफलता
अब इनकी सफलता पर आसपास पडोस और परिवार के लोग इनके घर बधाई देने पहुंच रहे हैं और इनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हें. लोकल 18 से बात करते हुए सर्वेश बताते हैं कि पिछले तीन परीक्षा में सफलता नहीं मिलने के बाद काफी टूट गया था जिसके बाद घर वालो ने हौसला बढाया और उसी का नतीजा है कि आज पूरे राज्य में दूसरा रैंक मिला है. इस सफलता का पूरा श्रेय घर परिवार, पडोस और बडे अभिभावक को जाता है. इन्होंने बताया पिताजी की उतनी सैलरी नहीं उसके बावजूद कड़ी मेहनत की और सफलता मिली है.
वहीं सर्वेश के माता पिता भाई और पडोसी ने बताया सर्वेश शुरु से ही पढाई में काफी तेज थे. हम लोगों का हर तरह से सहयोग इन्हें मिला है. पैसों की जरुरत होती थी तो भाई और पिताजी दूसरे से उधार पैसा लेकर इन्हें भेजते थे. अब इनका चयन डीएसपी के लिए हुआ है हमलोग बेहद खुश है और जिस सपना को लेकर आए थे कि सिविल सर्विस में जाना है एक दिन वह सपना भी जरुर पूरा होगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 15:26 IST