चंडीगढ़ः कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता. निदा फाजली का यह शेर अनिल विज के मौजूदा हालात पर फिट बैठता है. क्योंकि कहां अनिल विज सीएम पद की चर्चा करते थे और कहां अब गृह मंत्री भी नहीं रहे. हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले अनिल विज का कद अब घटने लगा है. विधानसभा चुनाव से पहले और नतीजों के सामने आने के बाद एक तरफ जहां अनिल विज गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री पद पर ताल ठोंक रहे थे. वहीं अब उनके हाथ से गृह मंत्रालय भी ले लिया गया है. रविवार की देर रात को हरियाणा में सरकार के गठन के बाद मंत्रालय का बंटवारा हुआ. इस दौरान अनिल विज को श्रम विभाग, बिजली विभाग और ट्रांसपोर्ट विभाग सौंपा गया. जबकि इससे पहले उनके पास गृह मंत्रालय जैसे कई अहम मंत्रालय थे. लेकिन अब गृह मंत्रालय सीएम नायब सिंह सैनी ने अपने पास रख लिया है.
शपथ ग्रहण के बाद इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं की अनिल विज को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. लेकिन मंत्रालय के बंटवारे के बाद अनिल विज को बड़ा झटका लगा है. सीएम नायब सिंह सैनी ने अपने पास गृह और वित्त के अलावा आबकारी एवं कराधान, योजना, नगर एवं ग्राम नियोजन और शहरी संपदा, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति, न्याय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, सभी के लिए आवास, आपराधिक जांच, कार्मिक एवं प्रशिक्षण तथा कानून एवं विधायी विभाग रखा है. वहीं श्रुति चौधरी को महिला एवं बाल विकास और सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग दिया गया है. आरती राव को स्वास्थ्य विभाग, राव नरबीर को उद्योग और पर्यावरण विभाग दिया गया है. अरविंद शर्मा को जेल मंत्रालय मिला है.
कृष्ण लाल पंवार को विकास एवं पंचायत विभाग के खान और भूविज्ञान विभाग दिया गया है. महिपाल ढांडा को स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य मंत्रालय दिया गया है. विपुल गोयल को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, शहरी स्थानीय निकाय और सिविल एविशन मंत्रालय सौंपा गया है. श्याम सिंह राणा को कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन और डेयरी विभाग के साथ मत्स्य मंत्रालय दिया गया है. रणबीर गंगवा को सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग और लोक निर्माण विभाग दिया गया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 07:35 IST