थम नहीं रहा गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कहर, अब तक 6 लोगों की मौत, इससे कैसे बचें?

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Last Updated:February 07, 2025, 11:43 IST

Guillain-Barre Syndrome Deaths: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के कारण महाराष्ट्र में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. लगातार इसके मरीज बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से उबला हुआ या बोतलबंद पानी पीने की सलाह...और पढ़ें

थम नहीं रहा गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कहर, अब तक 6 लोगों की मौत, इससे कैसे बचें?

डॉक्टर्स की मानें तो गंदा पानी पीने से जीबीएस का रिस्क बढ़ सकता है.

हाइलाइट्स

  • गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कारण महाराष्ट्र में एक और मरीज की मौत हो गई.
  • यह बीमारी महाराष्ट्र के कई हिस्सों में तेजी से फैलती हुई नजर आ रही है.
  • डॉक्टर्स की मानें तो जीबीएस ऑटोइम्यून डिजीज है और यह रेयर डिजीज है.

Guillain-Barre Syndrome Latest News: ब्रेन से जुड़ी गंभीर बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम महाराष्ट्र में कहर बरपा रही है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक इस बीमारी के कारण 6 लोगों की मौत हो चुकी है. इन मौतों में से 1 शख्स में जीबीएस कंफर्म हो चुका है, जबकि 5 मौतों को संदिग्ध माना जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते गुरुवार को जीबीएस के 3 नए मामले दर्ज किए गए. महाराष्ट्र में अब तक कुल 173 संदिग्ध मरीजों का पता चला है, जिनमें से 140 में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से कई मरीज वेंटिलेटर पर हैं और उनका इलाज चल रहा है.

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी कि वे सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोक सकते हैं. विभाग ने लोगों को पानी उबालकर पीने या बोतलबंद पानी पीने की सलाह दी है. इसके अलावा खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोने, चिकन और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके खाने को अवॉइड करने और सलाद, अंडे, कबाब या सीफूड्स को अवॉइड करने की सलाह दी है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या गुइलेन-बैरे सिंड्रोम खाने-पीने की चीजों और पानी से भी फैल सकता है? इस बारे में डॉक्टर से जान लेते हैं.

क्या फूड्स और पानी से भी फैल रहा GBS?

नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार ने News18 को बताया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) नर्वस सिस्टम से जुड़ा एक रेयर डिसऑर्डर है. इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही नर्वस सिस्टम पर हमला करता है. इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और लकवे जैसी कंडीशन पैदा हो सकती है. गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के फैलने का सवाल है, तो यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के बाद पैदा हो सकता है. जीबीएस पानी या खाने से सीधे तौर पर नहीं फैलता है. हालांकि खान-पान से इंफेक्शन हो जाए, तो रिस्क बढ़ जाता है.

क्या खाने-पीने में सावधानी से हो सकता है बचाव?

न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया कि खान-पान से गुइलेन-बैरे सिंड्रोम फैलने की संभावना बेहद कम होती है. कई लाख लोगों में से किसी एक दो व्यक्ति में गलत खान-पान के कारण गुइलेन-बैरे सिंड्रोम की कंडीशन पैदा होती है. हालांकि फिर भी लोगों को खान-पान में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा पानी को उबालकर या फिल्टर करके पीना चाहिए. ऐसा करने से न सिर्फ गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का खतरा कम हो जाएगा, बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी बचाव करने में मदद मिलेगी. जीबीएस से बचने के लिए कोई खास उपाय नहीं है. लोगों को बस इंफेक्शंस से बचने की जरूरत होती है.

First Published :

February 07, 2025, 11:43 IST

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