Bikaner House Delhi: पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस को कुर्क करने का आदेश दिया है. बीकानेर हाउस का मालिकाना हक राजस्थान नगर पालिका के पास है. आखिर इतना क्यों चर्चित है दिल्ली का बीकानेर हाउस? यही जानने के लिए जब लोकल18 ने देश के जाने-माने इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट से बात की तो उन्होंने बताया कि बीकानेर हाउस आजादी के पहले का है. भारत को आजादी 1947 में मिली थी, लेकिन इस हाउस को सर गंगा सिंह ने 1929 बनवाया था.
दिल्ली के बीकानेर हाउस का इतिहास
रवि भट्ट ने बताया कि ब्रिटिश शासन की एक पॉलिसी थी कि जितने भी भारत के राजा महाराजा हैं, वो आपस में ना मिलें. लेकिन फिर 1919 में किंग जॉर्ज पंचम ने एक घोषणा की थी कि सभी राजा आपस में मिल सकते हैं और उनको मिलना चाहिए. आपको बता दें कि दिल्ली में यह बीकानेर हाउस इंडिया गेट के पास है, जिसे देखने देश-विदेश के लोग आते हैं.
यहां राजा किया करते थे बैठक
उन्होंने बताया कि इसके बाद अंग्रेजों द्वारा 1920 में एक चैंबर की स्थापना की गई, जिसे चेंबर ऑफ प्रिंसेस कहते थे. यहां पर जो भी भारत के राजा महाराजा थे वो मिलने लगे और विचार विमर्श करने लगे और भारत की बेहतरी के लिए जो भी निर्णय इन बैठकों में लिया जाता था. वो ब्रिटिश शासन को बताते थे. ब्रिटिश सरकार उसमें और सुधार करती थी. इसके बाद धीमे-धीमे करके उन्हीं राजा महाराजाओं ने इसके आसपास अपने रहने के लिए दिल्ली में महल बनवाने शुरू कर दिए.
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आठ एकड़ में फैला है यह हाउस
डॉ. रवि भट्ट ने बताया कि 1929 में महाराजा बीकानेर ने 8 एकड़ में इस हाउस को बनवाया. इसके बाद आजादी के बाद यह इमारत सरकार के पास आ गई. इसमें तमाम रिनोवेशन हुए और अब इसे दिल्ली का बड़ा आर्ट एंड कल्चरल का हब कहा जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 14:55 IST