शिमला. हाईड्रो प्रोजेक्ट कंपनी के पैसे ना लौटाने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने दिल्ली में हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश दिए थे. मंगलवार को यह खबर खासी चर्चा में रही. दिल्ली तक इस मामले की चर्चा हुई. बाद में हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार इस मामले में सफाई देती रही. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलावा, कैबिनेट मंत्रियों ने भी इस मामले पर सफाई दी. उधर, देर शाम को हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच में एलपीए के तहत चुनौती दे दी और अब मामले पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.
शिमला में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार उचित कानूनी उपाय सुनिश्चित करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार इस मामले की पुरजोर वकालत करेगी.
उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2009 में कम्पनी को प्रदान की गई थी तथा तत्कालीन ऊर्जा नीति के अनुसार कंपनी की ओर से विद्युत परियोजना स्थापित करने अथवा इसकी स्थापना में विफल रहने पर राज्य सरकार को भुगतान किए गए अग्रिम प्रीमियम को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं था. उन्होंने कहा कि तत्कालीन ऊर्जा नीति के तहत राज्य को प्रति मेगावाट 10 लाख रुपये भुगतान करने का प्रावधान था तथा प्रतिस्पर्धी बोली के दौरान मैसर्ज मोजर बियर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने न्यूनतम 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट की बोली लगाई थी. इस के एवज में 64 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम जमा करवाया. उन्होंने कहा कि कंपनी को इस नीति के प्रावधानों की जानकारी थी. तत्कालीन ऊर्जा मंत्री विद्या स्टोक्स के कार्यकाल के दौरान विधायक के रूप में मैंने नीति को तैयार करने में योगदान दिया था.
उन्होंने कहा कि 320 मेगावाट की सेली हाइडल इलैक्ट्रिक परियोजना के संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार, मैसर्ज मोजर बेयर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स सेली हाइड्रो इलैक्ट्रिक पावर कंपनी के बीच 22 मार्च 2011 को त्रिपक्षीय पूर्व कार्यान्वयन समझौता किया गया था. वर्ष 2017 में कंपनी ने परियोजना को वित्तीय रूप से व्यवहार्य न बताते हुए परियोजना को सरेंडर कर दिया था और सरकार ने नीति के अनुसार आवंटन रद्द कर दिया और अग्रिम प्रीमियम राशि को जब्त कर लिया था.
सीएम ने जयराम ठाकुर पर साधा निशाना
सुक्खू ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने विधानसभा चुनाव-2022 के दृष्टिगत 5000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी. उन्होंने इसे राज्य के संसाधनों की नीलामी बताया. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य प्रदेश के हितों की मजबूती से रक्षा कर रही है. जय राम ठाकुर के इस मामले में शीर्ष वकीलों की सेवाओं लेने के बयान की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जय राम सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान प्रदेश हित के मामलों की लगातार अनदेखी की गई और इन्हें मजबूती से प्रस्तुत नहीं किया गया. अपने कार्यकाल के दौरान जयराम ठाकुर प्रदेश के हितों को ताक में रखकर फ्रीबीज में व्यस्त रहे और उनकी सरकार प्रशासनिक व कानूनी क्षेत्रों में विफल रही..
Tags: CM Sukhwinder Singh Sukhu, Hydropower generation
FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 06:43 IST