दिल्ली वोटिंग से 4 दिन पहले BJP ने चली 1 चाल, वही बनी अरविंद केजरीवाल की काल!

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Last Updated:February 08, 2025, 15:33 IST

Delhi Chunav Result: दिल्ली चुनाव में भाजपा ने 27 साल बाद वापसी कर ली है. अरविंद केजरीवाल और आप के कई दिग्गज नेता चुनाव हार चुके हैं. भाजपा के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4089 वोटों से हरा दिया. अब सवाल ...और पढ़ें

दिल्ली वोटिंग से 4 दिन पहले BJP ने चली 1 चाल, वही बनी अरविंद केजरीवाल की काल!

नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं.

हाइलाइट्स

  • भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली में वापसी की.
  • अरविंद केजरीवाल को प्रवेश वर्मा ने 4089 वोटों से हराया.
  • भाजपा को 48 सीटें मिलीं, आप 22 पर सिमटी.

Delhi Chunav Result: दिल्ली के दिल में भाजपा का कमल खिल गया. अरविंद केजरीवाल की झाड़ू मिट्टी में मिल गई. दिल्ली चुनाव के नतीजों ने आम आदमी पार्टी का दिल्ली चैप्टर क्लोज कर दिया. 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की वापसी हो गई. दिल्ली में आप की करारी हार का अंदाजा इस बात से भी लगाइए कि अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाए. उनकी तो छोड़िए. आम आदमी पार्टी के टॉप ऑर्डर पूरी तरह ढेर हो गई. मसलन मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज समेत आप के कई दिग्गज नेता हार गए. सबसे चौंकाने वाली बात है अरविंद केजरीवाल की हार. अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा ने 4089 वोटों के अंतर से हरा दिया. अब सवाल है कि अरविंद केजरीवाल हार कैसे गए?

अरविंद केजरीवाल की हार के पीछे भाजपा की वह चाल है, जो 5 फरवरी से चार दिन पहले चली गई थी. जी हां, हम बात कर रहे हैं बजट सत्र वाले दिन की. 1 फरवरी को बजट जब बजट पेश हुआ तो मोदी सरकार ने अपने तरकश से एक ऐसी तीर चलाई जो सीधे जाकर निशाने पर लगी. जी हां, वह तीर थी इनकम टैक्स में छूट. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उस दिन ऐलान किया था कि 12 लाख की कमाई पर अब कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. बस इसी ऐलान ने अरविंद केजरीवाल के हार की पटकथा लिख दी. अब इसे समझने के लिए नई दिल्ली विधानसभा सीट के वोटरों के बारे में जानना होगा.

क्या है असल वजह
दरअसल, नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कुल वोटरों की संख्या करीब एक लाख है. इन एक लाख में करीब 30 से 35 लाख वोटर सरकारी कर्मचारी हैं. मोदी सरकार के इनकम टैक्स वाले ऐलान से इन कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. सूत्रों का कहना है कि इन कर्मचारियों ने प्रवेश वर्मा की जीत और अरविंद केजरीवाल की हार में अहम भूमिका निभाई है. इन सरकारी कर्मचारियों का वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हुआ. इसका नतीजा हुआ कि आज यानी 8 फरवरी को जब नतीजे आए तो भाजपा का दांव काम कर गया. अरविंद केजरीवाल की हार हुई और प्रवेश वर्मा जीत गए.

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हार की एक और वजह
अरविंद केजरीवाल की हार की एक और बड़ी वजह रही कांग्रेस. जी हां, जितने वोट से अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट पर हारे हैं, उतने ही वोट कांग्रेस कैंडिडेट संदीप दीक्षित को मिले हैं. जानकार ऐसा बता रहे हैं कि अगर संदीप दीक्षित इस सीट पर नहीं होते तो शायद आज नतीजे कुछ और होते. प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से 4089 वोटों से हराया. संदीप दीक्षित को 4568 वोट मिले. अरविंद केजरीवाल ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने भाजपा को बधाई दी और जनता का आभारा जताया.

दिल्ली में किसकी कितनी सीटें
दिल्ली में भाजपा के खाते में 48 सीटें जाती दिख रही हैं, जबकि आम आदमी पार्टी 22 पर सिमटती दिख रही है. शाम तक फाइनल नतीजे आ जाएंगे. भाजपा की दिल्ली में 27 साल बाद वापसी हो रही है. भाजपा ने 1993 में दिल्ली में सरकार बनाई थी. उस चुनाव में उसे 49 सीट पर जीत मिली थी. अन्ना आंदोलन से नेता के रूप में उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 सीट जीतकर सरकार बनाई और 2020 में 62 सीट जीतकर सत्ता में धमाकेदार वापसी की थी.

2013 में हुआ था आप का उदय
इसके पहले 2013 के अपने पहले चुनाव में आप ने 31 सीट जीती थीं लेकिन वह सत्ता से दूर रह गई थी. बाद में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे. इस बार सत्ता की अग्रसर भाजपा 2015 के चुनाव में सिर्फ तीन सीट पर सिमट गई थी जबकि 2020 के चुनाव में उसके सीट की संख्या बढ़कर आठ हो गई थी. वैकल्पिक और ईमानदार राजनीति के साथ भ्रष्टाचार पर प्रहार के दावे के साथ राजनीति में कदम रखने वाले केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को इस चुनाव से पहले कई आरोपों का भी सामना करना पड़ा और उसके कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा. भाजपा ने शराब घोटाले से लेकर ‘शीशमहल’ बनाने जैसे आरोप लगाकर केजरीवाल और आप के कथित भ्रष्टाचार को इस चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इन विषयों पर लगातार हमले किए.

भाजपा की जीत क्यों अहम?
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में भाजपा को मिली जीत कई मायनो में अहम है. आप संयोजक दिल्ली को विकास का ‘केजरीवाल मॉडल’ बताकर चुनाव मैदान में थे जबकि भाजपा ने इसके विरुद्ध विकास का ‘मोदी मॉडल’ पेश किया था. इसके तहत भाजपा ने जहां अपने संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली, पानी सहित आप सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही महिलाओं को 2500 रुपये का मासिक भत्ता और 10 लाख रुपये तक का ‘मुफ्त’ इलाज सहित कई अन्य वादे किए थे.

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

February 08, 2025, 15:33 IST

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