Agency:News18 Bihar
Last Updated:January 22, 2025, 18:34 IST
Bihar Politics News: मणिपुर में एक राजनीतिक घटना घटी और दिल्ली से लेकर पटना तक हलचल मच गई. कयास लगाए जाने लगे क्या नीतीश कुमार का मन बदल रहा है? लेकिन, थोड़ी ही देर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक आदेश ने 'मो...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- JDU ने मणिपुर में वीरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया.
- मणिपुर में NDA से समर्थन वापसी को लेकर जारी किया था पत्र.
पटना. राजनीतिक गलियारे में अचानक खबर फैली कि जेडीयू ने मणिपुर की बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. जेडीयू के मणिपुर प्रदेश अध्यक्ष वीरेन सिंह ने वहां के राज्यपाल को पत्र लिख कर साफ किया है कि उनकी पार्टी राज्य में विपक्षी पार्टी के तौर पर है और बीजेपी के साथ नहीं है. इस फैसले के कारण राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. हालांकि 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के 32 सीटें हैं. यानी सरकार पर कोई खतरा नहीं था, लेकिन इस फैसले से कयासबाजियां शुरू हो गईं कि क्या नीतीश कुमार का मन फिर बदल रहा है. लेकिन इस घटनाक्रम के थोड़ी ही देर बाद जेडीयू ने अपने मणिपुर अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के कारण पद मुक्त कर दिया.
जदयू प्रवक्ता के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने साफ-साफ कहा कि मणिपुर के अध्यक्ष ने बिना पार्टी आलाकमान की सहमति लिए प्रदेश की भाजपा सरकार से समर्थन लेने का फैसला कर लिया था. जेडीयू ने स्पष्ट कर दिया है कि पहले की तरह मणिपुर में बीजेपी सरकार को जदयू का समर्थन जारी है. इस मामले में राजीव रंजन ने कहा कि पूरी मजबूती के साथ एनडीए के साथ हैं और हम पूरे समन्वय के साथ हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है राज्य और देश के विकास का है और उसको हासिल करना है. आने वाले समय में भी बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगली सरकार बनेगी.
जेडीयू-बीजेपी गठबंधन है सदा के लिए…
राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कल्पना से परे विकास हुआ है और आगे भी होगा. 2025 से 30 फिर से नीतीश… यह जन-जन का नारा है. एक ओर जहां नीतीश कुमार जी ने बिहार का विकास सुनिश्चित किया है, वहीं दूसरी और तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में देश के सभी हिस्सों का विकास संभव हो पाया है. सभी क्षेत्रों में विकास की रोशनी पहुंची है. इसलिए, यह गठबंधन अटूट है और लंबे समय तक हम लोग साथ रहे हैं और आगे भी रहेंगे.
जेडीयू ने सहयोगी बीजेपी को किया आश्वस्त
जाहिर तौर पर मणिपुर प्रदेश अध्यक्ष को पद से हटाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से अपने सहयोगी बीजेपी को आश्वस्त किया गया है और यह संकेत दिया गया है कि मणिपुर के समर्थन वापसी का निर्णय पार्टी के आलाकमान का नहीं था. यह पूरी तरह से प्रदेश नेतृत्व का फैसला था. हालांकि, इस फैसले को लेकर सियासी गलियारों में यह मायने भी निकल जा रहे थे कि संभव है कि जदयू आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए दबाव की राजनीति बना रही हो. लेकिन, जिस तेजी से नीतीश कुमार ने फैसला किया और तुरंत में मणिपुर अध्यक्ष को पदमुक्त कर दिया यह भाजपा नेताओं और एनडीए गठबंधन के लिए सुकून की खबर है.
जब जेडीयू ने मणिपुर में सबको चौंका दिया था…
यहां यह भी बता दें कि 3 साल पहले हुए चुनाव में मणिपुर विधानसभा चुनाव में जदयू के छह विधायक चुनकर आए थे जिसने सबको चौंका दिया था. लेकिन कुछ महीने बाद ही भाजपा ने जदयू में सेधमारी कर ली थी और उनके पांच विधायकों को अपने साथ मिला लिया था. खास बात यह रही कि बिहार में जेडीयू बीजेपी का तब भी गठबंधन था, फिर भी बीजेपी ने अपनी सहयोगी पार्टी को तोड़ दिया था. बहरहाल, मणिपुर हिंसा के मुद्दे लेकर जिस तरह विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर रहता है, इसमें जेडीयू की समर्थन वापसी को अगर नीतीश कुमार की सहमति होती तो राजनीति की दिशा बदल सकती थी. लेकिन, नीतीश कुमार ने एक झटके में ही मोदी विरोध की साजिशों को खत्म कर दिया.
First Published :
January 22, 2025, 18:34 IST