दुनिया में 2 ही ऐसे मंदिर हैं...यहां ब्रह्मा सरस्वती दोनों हैं विराजमान

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नलगोंडा, तेलंगाना: श्री ब्रह्मा सरस्वती मंदिर काकतीय काल का एक अद्भुत उदाहरण है, जो सूर्यापेट जिले के पलामरी गांव में स्थित है. इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें भगवान ब्रह्मा और देवी सरस्वती की मूर्तियाँ एक ही पत्थर पर उकेरी गई हैं. यह मंदिर दुनिया में भगवान ब्रह्मा के केवल दो मंदिरों में से एक होने का गौरव प्राप्त करता है. यहाँ भगवान ब्रह्मा और देवी सरस्वती दोनों की पूजा की जाती है, जो इस मंदिर को और भी खास बनाती है.

काकतीय काल का ऐतिहासिक धरोहर
12वीं शताब्दी में काकतीय राजा गणपतिदेव के शासनकाल के दौरान, जागीरदार राजा रामिरेड्डी और बेथिरेड्डी ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. काकतीय वास्तुकला का यह मंदिर त्रिक्कुटेश्वर मंदिर के साथ मिलकर काकतीय काल की स्थापत्य कला का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है. इस मंदिर में एक अनोखा अनुष्ठान भी है, जिसमें देवी को सजाई गई साड़ी उन भक्तों को लौटा दी जाती है जिन्होंने इसे बिना किसी आवाज़ के गाया है. यह भक्तों की गहरी भक्ति को दर्शाता है.

विशेष पूजा और आयोजन
मंदिर में विशेष रूप से मूल नक्षत्र के दिन पूजा, कुमकुमरचना, श्री चंडी होम और अक्षराभ्यास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यह अनुष्ठान मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति को और प्रबल करता है और भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है.

शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार
मंदिर के मुख्य पुजारी संतोष शर्मा ने बताया कि यहाँ बच्चों को साक्षरता सिखाने से उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार होता है. भक्तों का मानना है कि सरस्वती पूजा न केवल शैक्षिक उन्नति में मदद करती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती है. यह मंदिर हैदराबाद से विजयवाड़ा के रास्ते पर, राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पर, सूर्यापेट से 5 किमी दूर पलामरी गांव में स्थित है. पर्यटक आसानी से इस तीर्थस्थल पर पहुंच सकते हैं.

काकतीय काल की धार्मिक धरोहर
यह गांव काकतीय काल से ही अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. पुजारियों का कहना है कि देवी सरस्वती की स्थापना के पीछे इस मंदिर का उद्देश्य भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करना था. यह भी कहा जाता है कि जो बच्चे यहाँ पढ़ाई के लिए आते हैं, उनका शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. काकतीय मूर्तियों और आध्यात्मिक वैभव से भरपूर यह मंदिर भक्तों को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है.

एक श्रद्धा का केंद्र
बालसामारी श्री ब्रह्मा सरस्वती मंदिर न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह भक्तों के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है. यहाँ आने वाले लोग न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं, बल्कि यह स्थान उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है.

Tags: Dharma Aastha, Hindu Temple, Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 14:59 IST

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