Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:January 22, 2025, 17:53 IST
Jagar Singing Style : पहाड़ों में हर वर्ग, हर भाषा, हर क्षेत्र में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिन्हें स्थानीय भाषा में ईष्ट देव कहा जाता है. पहाड़ों में अलग-अलग गांवों के ईष्ट भी अलग-अलग होते हैं, ज...और पढ़ें
गंगनाथ मंदिर में जागर में अवतरित होते बाबा.
अल्मोड़ा. उत्तराखंड में वैसे तो विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर हैं जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक ऐसा भी मंदिर है जहां पर देवी-देवताओं को बुलाया जाता है. अल्मोड़ा से तकरीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गंगनाथ मंदिर. इस मंदिर की भी है अपनी मान्यताएं हैं. यहां पर संतान सुख की प्राप्ति के अलावा विभिन्न मनोकामनाओं को लेकर श्रद्धालु यहां पर आते हैं. इसके अलावा इस मंदिर में जागर भी लगाई जाती है और काफी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं. वैशाख, माघ, नवरात्रि और अन्य दिनों में यहां पर गंगनाथ देवता, गोलू देवता, सैम देवता के अलावा अन्य जागर यहां पर लगाई जाती है.
श्रद्धालु चंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि इस मंदिर में विभिन्न इलाकों से श्रद्धालु आते हैं. गोलू देवता के बाद गंगनाथ देवता की काफी यहां पर मान्यता है. इसके अलावा यहां पर जागर भी लगाई जाती है. इस मंदिर में संतान सुख की प्राप्ति की कामना के साथ घर की सुख-शांति, संपत्ति के लिए भी श्रद्धालु यहां पर आते हैं और लोगों की यहां पर मनोकामनाएं भी देवता पूरी करते हैं. इसके अलावा जिनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं वह यहां पर आकर घंटी, चुन्नी भी चढाते हैं और भंडारा करवाने के साथ जागर भी लगाते हैं.
धूनी में लगाई जाती है जागर
इस मंदिर में धूनी भी है. जहां पर जागर लगाई जाती है जिसमें काफी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं. कभी-कभी इस मंदिर में बैठने की जगह भी नहीं मिल पाती है जिस वजह से लोग खड़े होकर जागर में मौजूद रहते हैं. इसके अलावा अल्मोड़ा सहित विभिन्न जिलों के श्रद्धालु इस मंदिर में आते भी है.
क्या होता है जागर?
पहाड़ों में हर वर्ग, हर भाषा, हर क्षेत्र में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिन्हें स्थानीय भाषा में ईष्ट देव कहा जाता है. पहाड़ों में अलग-अलग गांवों के ईष्ट भी अलग-अलग होते हैं, जिनका उस क्षेत्र और उस क्षेत्र की जनता पर अधिकार होता है और पहाड़ों में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. चाहें किसी को न्याय दिलाने की बात हो या किसी के कष्ट हरने की, गांव पर आई विपदा से बचने के लिए गांव वाले अपने ईष्ट देव का आह्वान करते हैं, जिसे स्थानीय भाषा में जागर कहा जाता है. जागर का अर्थ है, देवता को जगाना. देवताओं की शक्ति का उल्लेख गीतों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों से देवताओं को जगाया जाता है और फिर भगवान अवतरित होकर लोगों की समस्या का समाधान करते हैं.
Location :
Almora,Almora,Uttarakhand
First Published :
January 22, 2025, 17:53 IST