दो दिन में बनता है एक पर्स, बिहार के लेदर क्राफ्ट को देशभर में पहचान

2 hours ago 1

Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 05, 2025, 15:56 IST

Bihar Shanti Niketan Art: भोपाल हाट बाजार में इन दिनों बिहार क्राफ्ट मेला का आयोजन किया गया है. इसमें हस्त निर्मित सिल्क रेशम और खादी के कपड़ों के साथ ही लकड़ी और बस से बने उत्पाद भी देखे जा सकते हैं.

X

बिहार

बिहार का शांति निकेतन आर्ट लेदर क्राफ्ट में कई अवार्ड जीत चुका है.

हाइलाइट्स

  • भोपाल हाट बाजार में बिहार क्राफ्ट मेला आयोजित.
  • शांति निकेतन आर्ट को लेदर क्राफ्ट पर स्टेट अवार्ड मिला.
  • हामिद हुसैन के पर्स बनाने में दो दिन लगते हैं.

Bhopal News: राजधानी भोपाल के एमपी नगर स्थित भोपाल हाट बाजार में इन दिनों बिहार क्राफ्ट मेला का आयोजन किया गया है. इसमें हस्तनिर्मित सिल्क, रेशम और खादी के कपड़े, साथ ही लकड़ी और बांस से बने उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए हैं. बिहार के दरभंगा जिले से आए हामिद हुसैन यहाँ शांति निकेतन आर्ट को प्रदर्शित कर रहे हैं, जिसे लेदर क्राफ्ट पर उकेरा जाता है.

परंपरागत विरासत की कहानी
लोकल 18 से बातचीत में हामिद हुसैन ने बताया कि उनके पूर्वजों के समय से वे शांतिनिकेतन आर्ट कर रहे हैं. इस कला को बिहार सरकार की ओर से स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है. लेदर क्राफ्ट पर बनाए गए इस आर्ट को लोग काफी पसंद करते हैं. उन्हें यहां उपेन्द्र महारथी अनुसंधान केंद्र द्वारा लाया गया है.

पिता से मिली कला की सीख
हामिद बताते हैं कि उनके पिता इकबाल हुसैन उपेन्द्र महारथी अनुसंधान केंद्र में ट्रेनिंग पद पर कार्यरत हैं. वे दरभंगा जिले के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले बच्चों को लेदर क्राफ्ट की बारीकियाँ सिखाते हैं. यह आर्ट मुख्य रूप से लेदर पर उकेरा जाता है, हालांकि इसे जूट पर मधुबनी पेंटिंग में भी उपयोग किया जाता है.

एक पर्स को तैयार करने में लगते हैं दो दिन
हामिद के अनुसार, केंद्र पर अलग-अलग डिज़ाइन और साइज के पर्स बनाए जाते हैं. यदि सबसे छोटे आकार के पर्स की बात करें तो इसे बनाने में करीब दो दिन का समय लगता है. बाजार में इसकी कीमत ₹1250 से ₹1650 तक होती है.

कैसे तैयार किया जाता है लेदर पर्स?

हामिद ने शांतिनिकेतन आर्ट से जुड़े निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताया:

सबसे पहले लेदर सीट तैयार की जाती है.इसके बाद पर्स के साइज में कटिंग और डिज़ाइनिंग की जाती है.अंत में पेंटिंग का कार्य पूरा कर पर्स को अंतिम रूप दिया जाता है.

मेले में लोगों को खूब पसंद आ रही है यह कला
यहाँ आने वाले लोग लेदर आर्ट से बने पर्स को काफी पसंद कर रहे हैं. इस अनोखी कला ने बिहार क्राफ्ट मेले में एक अलग पहचान बना ली है और इसे सराहा जा रहा है.

Location :

Bhopal,Madhya Pradesh

First Published :

February 05, 2025, 15:56 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article