गिरिडीह: धान की कटाई शुरू हो गई है. ऐसे में किसान परंपरागत तरीके से धान निकालने का काम कर रहे हैं. हालांकि, धान निकालने के पुराने तरीके में समय के साथ मेहनत भी ज्यादा लगती है. अगर, किसान मशीन लगाएं तो डीजल या बिजली के खर्च के साथ किराया भी देना पड़ता है. लेकिन, अब बाजार में एक ऐसी मशीन आ गई है, जो बेहद कम समय में धान निकालेगी और खास बात ये कि इसमें न डीजल की जरूरत है और न बिजली की.
बाली से धान निकलने के लिए खास थ्रेसर मशीन झारखंड के गिरिडीह मार्केट में देखने को मिली. यह मशीन ईको फ्रेंडली है, यानी इसे चलने के लिए बिजली और तेल की जरूरत भी नहीं पड़ती. इससे किसानों को काफी लाभ होगा. समय भी बचेगा. बता दें कि इस मशीन के जरिए एक घंटे में 40 से 50 किलो तक धान निकाला जा सकता है. साथ ही, इसमें कई तरह के छोटे-बड़े साइज मौजूद हैं. इसकी कीमत 5 हजार से लेकर साढ़े छह हजार तक है.
मशीन की तीन साइज मौजूद
सेंट्रल मशीनरी दुकान के सेल्स मैनेजर ने लोकल 18 को बताया कि धान निकलने के लिए यह खास थ्रेसर मशीन है. इसमें 2 फीट, 2.5 फीट और 3 फीट के 3 साइज के आते हैं. सबसे छोटे साइज की मशीन का रेट 5 हजार है. सबसे बड़ी मशीन का रेट साढ़े छह हजार है. इसमें 12 पत्ती, 14 पत्ती और 15 पत्ती हैं.
पैर के सहारो चलाइए
सबसे बड़ी मशीन से अधिक काम होता है. इसके लिए कोई खर्च की जरूरत नहीं है. एक मशीन करीब 4 लोगों के बराबर काम करता है. 1 घंटे में मशीन से 50 किलो तक धान निकाला जा सकता है. इसे सिर्फ पैर के सहारे चलाते हैं. उनकी दुकान सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहती है.