न स्मार्ट फोन और न ही जेब में पैसे, देहरादून से चुकुलिया तक बांटेंगे खास पैगाम

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युवा अंकित दास पर्यावरण रक्षा के लिए 2000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पर निकले हैं. युवा अंकित दास पर्यावरण रक्षा के लिए 2000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पर निकले हैं.

हाइलाइट्स

उत्तराखंड के देहरादून से बंगाल के चाकुलिया तक 2 हजार किलोमीटर की यात्रा पर निकला युवक. 35 वर्षीय युवक अंकित दास पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखंड से बंगाल तक साइकिल यात्रा पर हैं.

जमुई, एक युवक पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरुकता के लिए साइकिल से यात्रा पर निकल पड़ा है. उत्तराखंड के देहरादून से पश्चिम बंगाल के चाकुलिया तक 2000 किलोमीटर की दूरी तय साइकिल से ही तय करेंगे. कंप्यूटर एप्लिकेशन में मास्टर की डिग्री हासिल करने वाला युवक अंकित दास ने 12 सितंबर को देहरादून से यह यात्रा प्रारंभ की. अंकित दास की साइकिल यात्रा करते हुए जमुई पहुंचे. चार राज्यों के विभिन्न जिलों से होते हुए 35 वर्षीय अंकित दास भागलपुर, पूर्णिया, किशंनगंज से गुजरते पश्चिम बंगाल के चाकुलिया तक जाएगा. जमुई की सीमा में प्रवेश करने पर जिले के के कई युवा पर्यावरण प्रेमी अंकित का स्वागत किया.

देहरादून के 35 वर्षीय युवक अंकित दास पर्यावरण संरक्षण को लेकर बंहद संवेदनशील है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाने को लेकर अंकित दास साइकिल यात्रा पर निकले हैं. हर रोज लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा तय करके अंकित अपने मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं. अंकित रास्ते में लोगों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर संदेश देते हैं. अंकित अपनी इस यात्रा के दौरान न तो स्मार्ट फोन रखता है और न ही जेब मे पैसे, वह पूरी तरह से रास्ते में मिलने वाले आमजन पर निर्भर हैं. अंकित के ठहरने की व्यवस्था अगर लोगों द्वारा नहीं की जाती तो वो अपने सायकिल पर रखे चटाई विछाकर रात गुजार लेते हैं.

अंकित इस यात्रा से पहले भी पर्यावरण संरक्षण के जागरूकता के लिए साइकिल से 4 हजार किलोमीटर और पैदल 2100 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. हाल के बीते वर्षों में जिस तरह गर्मी बढ़ रही है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जीवन पर संकट आ सकता है. इससे बचने के उपाय क्या है, इस बात पर अंकित अपनी यात्रा के दौरान लोगों से चर्चा करते हैं. युवक का कहना है कि पेड़ लगाना तो अच्छी बात है, लेकिन पेड़ की कटाई को रोकना भी बहुत जरूरी है, जो नहीं हो पा रहा है.

अंकित ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता तो फैलाई जा रही है, सरकार ने बहुत सारी नीतियां तो बनाईं, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पा रहा है. जोर देते हुए अंकित ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को राजनीतिक विषय बनाना जरूरी है. पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे को राजनीति का एक अभिन्न अंग बनना चाहिए और राजनीतिक पार्टियों को इस पर वोट मांगना चाहिए, अगर इस विषय को अगर जल्द नहीं उठाया गया तो बाद में बहुत देर हो जाएगी. पर्यावरण संरक्षण के लिए युवा अंकित के इस जज्बे की हर जगह तारीफ हो रही है.

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 16:30 IST

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