मोमबत्ती बनाने का बिजनेस में तगड़ी कमाई.
आदित्य कृष्ण /अमेठी: पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है… इस कहावत को अमेठी की अर्चना ने सच साबित कर दिया है. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के सीमित अवसर होने के बावजूद अर्चना जैसे महिलाओं ने खुद के रोजगार सृजित कर सफलता की नई मिसालें कायम की हैं. अर्चना न केवल खुद आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि अपने समूह के जरिए अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित कर रही हैं.
पति बाहर और अर्चना घर संभाल रहीं
अर्चना अमेठी जिले के राम जानकी स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं, जिसमें कुल 10 महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने सिर्फ हाई स्कूल तक शिक्षा प्राप्त की है, लेकिन उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं. अर्चना के पति लुधियाना में प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, और अर्चना अपने समूह के जरिए परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं.
मोमबत्ती निर्माण से कमा रहीं मुनाफा
अर्चना मोमबत्ती बनाने का काम करती हैं. वह 250 रुपये प्रति किलो मोम खरीदती हैं और इससे 15 से 20 पैकेट मोमबत्तियां तैयार करती हैं. हर पैकेट को 500 से 1000 रुपये में बेचकर वह अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. इस काम से उन्हें महीने भर में अच्छा फायदा होता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है.
पहले दूसरों के सामने फैलाने पड़ते थे हाथ
अर्चना बताती हैं कि पहले उन्हें रोजगार की कमी के कारण दूसरों के सामने मदद मांगनी पड़ती थी. लेकिन आज, समूह से जुड़ने के बाद न केवल उनकी पहचान बनी है, बल्कि उनका खर्चा भी इसी काम से चलता है. वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पा रही हैं और परिवार का भरण-पोषण भी बेहतर ढंग से कर रही हैं. समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है, और उन्होंने अपनी मेहनत से अपनी और अन्य महिलाओं की किस्मत बदली है.
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FIRST PUBLISHED :
October 23, 2024, 15:35 IST