पश्चिमी चंपारण के एक गांव में 6 लोगों की गई जान, विवादों में घिरा मौत का कारण 

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Last Updated:January 20, 2025, 18:12 IST

गुरुवार 16 जनवरी से जिले के लौरिया स्थित मठिया गांव में मौतों का सिलसिला शुरू हुआ, जो 18 जनवरी तक चलता रहा.ग्रामीणों की माने तो, सिर्फ दो दिनों में गांव के क़रीब 6 लोगों की एक के बाद एक मौत होनी शुरू हो गई. मरने...और पढ़ें

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प्रतीकात्मक तस्वीर 

पश्चिम चम्पारण. गुरुवार 16 जनवरी से जिले के लौरिया स्थित मठिया गांव में मौतों का सिलसिला शुरू हुआ, जो 18 जनवरी तक चलता रहा. ग्रामीणों की मानें तो, सिर्फ दो दिनों में गांव में करीब 6 लोगों की एक के बाद एक मौत होनी शुरू हो गई. मरने वालों में 25 साल के युवा से लेकर 60 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं. आश्चर्य की बात यह है कि ग्रामीणों ने एक के बाद एक हो रही मौत का कारण जहरीली शराब को बताया, तो वहीं प्रशासन ने इसे बीमारी और ठंड से होने वाली मौत करार दिया. बहरहाल, कारण जो भी हो. अब उस गांव में गहरा मातम पसरा हुआ है. महज 24 घंटे में एक ही गांव के करीब 6 लोगों की मौत ने लोगों को गहरे सदमे में डाल में दिया है. झकझोरने वाली बात यह है कि मरने वालों में ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर थे, जो हर दिन की कमाई से परिवार का भरण पोषण करते थे. अब उनके न रहने से परिवार की कमर टूट गई है.

16 जनवरी को सबसे पहले जान गंवाने वाले 38 प्रदीप (नन्दधुतन) के बड़े भाई दीपक बताते हैं कि प्रदीप दिल्ली रहकर मजदूरी करते थे. दो महीने पहले ही वो गांव वापस आए थे. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन गुरुवार को अचानक से हुई मौत ने पूरे परिवार की स्थिति को बिगाड़ कर रख दिया है. 10 साल पहले ही उनकी शादी हुई थी, जिसके बाद उन्हें तीन बच्चे हुए. इनमें दो लड़के और एक लड़की शामिल है. तीनों की उम्र बेहद कम है और वो गांव के ही स्कूल में पढ़ते हैं. अब जब प्रदीप नहीं रहे उनके बच्चों का भरण पोषण कौन करेगा.

मौत के कारण पर मतभेद
ठीक इसी प्रकार मृतक सुरेश पासी का परिवार भी बिखरा पड़ा है. परिजनों की मानें तो सुरेश की उम्र 42 साल थी. परिवार चलाने के लिए वो मजदूरी किया करते थे. अब उनके न रहने से परिवार के भरण पोषण पर भीषण संकट मंडरा रहा है. गांव के निवासी और मृतकों के परिवार के आस पास रहने वाले रामू ठाकुर बताते हैं कि किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि दो दिनों में गांव के 6 लोगों की जान चली गई. सबके सब दिहाड़ी मजदूर थे, जिनके ऊपर अपने परिवार को चलाने की जिम्मेदारी थी. मौत के कारणों में जहरीली शराब का सेवन सबसे ऊपर है, लेकिन प्रशासन इसे अपनी तरह से जांच कर रहा है. प्रशासन की मानें तो, सभी की जान शराब पीने से नहीं, बल्कि बीमारी और ठंड लगने से गई है.

एक ही गांव के 6 लोगों की मौत
ग्रामीण रामू ठाकुर बताते हैं कि सबसे पहले 16 जनवरी को 38 वर्षीय प्रदीप (नंदधुतन) की जान गई. उसके बाद 60 वर्षीय नरसिंह साह, 42 वर्षीय सुरेश पासी, 25 वर्षीय नियाज अहमद, 60 वर्षीय शिवराम और 22 वर्षीय मनीष ने एक के बाद एक अपनी जान गंवाई.

Location :

Bettiah,Pashchim Champaran,Bihar

First Published :

January 20, 2025, 18:12 IST

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