पश्मीना शॉल से चांदी की ट्रेन तक, PM मोदी ने बाइडन को यही ग‍िफ्ट क्‍यों चुना

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को चांदी की ट्रेन का मॉडल और फर्स्ट लेडी जिल बाइडन को पश्मीना शाल उपहार में दिया है. पीएम मोदी अमेरिका की यात्रा पर हैं. उन्होंने डेलावेयर में बाइडन के होमटाउन विलमिंगटन में क्वाड समिट से पहले बाइडन से मुलाकात की. लेकिन बाइडन के लिए पीएम मोदी के उपहारों का क्या महत्व है? पीएम मोदी ने बाइडन को चांदी की हाथ से बनाई गई पुरानी ट्रेन का मॉडल उपहार में दिया. महाराष्ट्र के मास्टर कारीगरों द्वारा बनाई गई यह कृति, चांदी के शिल्प कौशल की अपनी समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है. भारतीय धातु कला के शिखर को दिखाती है.

यह ट्रेन का मॉडल 92.5 फीसदी चांदी से बना है और इस पर जटिल नक्काशी का काम किया गया है. भाप इंजन के युग को समर्पित यह मॉडल कलात्मक प्रतिभा और ऐतिहासिक महत्व को जोड़ती है. यह मॉडल सेट कारीगर के असाधारण कौशल का प्रमाण है. मुख्य रेलगाड़ी मॉडल के किनारों पर ‘दिल्ली-डेलावेयर’ और इंजन के किनारों पर अंग्रेजी और हिंदी में ‘भारतीय रेलवे’ लिखा हुआ है. यह बाइडन के लिए भी एक बेहतरीन उपहार है. जिन्होंने ट्रेनों के प्रति अपने प्यार को किसी से छुपाया नहीं है. वास्तव में प्रेस के एक वर्ग ने अमेरिकी रेल ऑपरेटर के प्रति अपने प्यार के लिए राष्ट्रपति को ‘एमट्रैक जो’ का नाम दिया था.

दिल्ली-डेलावेयर’ ट्रेन मॉडल
बाइडन ने अपने 2020 के अभियान के दौरान देश के बुनियादी ढांचे को भविष्य में आगे बढ़ाने और जलवायु इमरजेंसी को हल करने में मदद करने के लिए दूसरी महान रेल क्रांति को बढ़ावा देने की कसम खाई थी. उन्होंने कहा था कि यह कोई रहस्य नहीं है कि मुझे ट्रेनें बहुत पसंद हैं. मैंने अपने करियर के दौरान एमट्रैक पर 7,000 से अधिक चक्कर लगाए हैं. अक्टूबर 2020 में बाइडन ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि जब वोटरों से मिलने के लिए ट्रेन से यात्रा करने का मौका मिला, तो मैं पूरी ताकत से आगे बढ़ा.

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पश्मीना शॉल
अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन के लिए पीएम मोदी ने पेपर माचे बॉक्स में पश्मीना शॉल चुना. पश्मीना शॉल को जम्मू और कश्मीर की हस्तकला की समृद्ध और बेहतरीन विरासत का शिखर माना जाता है. समकालीन डिजाइनर बोल्ड रंगों और यहां तक कि फ्यूजन शैलियों के साथ प्रयोग कर रहे हैं. यह सुनिश्चित करता है कि पश्मीना की विरासत प्रासंगिक बनी रहे. पश्मीना की खोज 16वीं शताब्दी में हुई थी, जब भारत मुगल शासन के अधीन था. यह लद्दाख में समुद्र तल से सिर्फ़ 15,000 फीट ऊपर पाई जाने वाली चंगथांगी बकरी के ऊन से बनाया जाता है.

Tags: Joe Biden, Pm narendra modi, US President Joe Biden

FIRST PUBLISHED :

September 22, 2024, 17:09 IST

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