पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानि पीसीओएस एक लाइफ स्टाइल से जुड़ी परेशानी है जिसका शिकार इस समय महिलाएं ज़्यादा हो रही हैं। AIIMS और ICMR के ताजा अलर्ट के मुताबिक, देश की महिलाओं में 'या पीसीओडी की परेशानी डायबिटीज की तरह तेजी से फैल रही है। पीसीओएस की वजह से ओवरी का आकार बढ़ जाता है छोटे-छोटे सिस्ट यानि गांठें हो जाती हैं। इस वजह से शरीर में मोटापा, शुगर, स्ट्रेस, बीपी, थायरइड की परेशानी शुरु हो जाती है। हॉर्मोनल इम्बैलेंस की वजह से पीसीओडी की शुरू होती है। हार्मोन में गड़बड़ी के कारण पीसीओडी में महिलाओं का पीरियड अनियमित होता है, वजन बढ़ने लगता है और हेयर फॉल होने लगता है। जहां सिर के बाल झड़ने शुरू होते हैं वहीं पूरे शरीर पर बहुत ज़्यादा बाल आने लगते हैं। ऐसे में Shikha Gupta जो कि एक न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन हैं बता रही हैं कि आखिर पीसीओडी में महिलाओं के पूरे शरीर पर कड़क बाल क्यों आते हैं और बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
पीसीओडी में महिलाओं को शरीर पर हेयर क्यों आते हैं?
महिलाओं के चेहरे पर बाल आने का मुख्य कारण है एंड्रोजन हार्मोन का ज़्यादा होना है। एंड्रोजन, पुरुषों में पाया जाने वाला एक हार्मोन है और महिलाओं के शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने से महिलाओं के चेहरे पर बाल आने लगते हैं। महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन हार्मोन के बढ़ने से PCOS की समस्या हो जाती है। इंसुलिन रेज़िटेंस की वजह से, महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है।
बता दें, इंसुलिन रेज़िस्टेंस होने पर खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है क्योंकि इंसुलिन हार्मोन शुगर को नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है। इस स्थिति में, शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति सामान्य प्रतिक्रिया नहीं देतीं, जिससे ग्लूकोज़ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता और खून में जमा हो जाता है। महिलाओं में, इंसुलिन रेज़िटेंस की वजह से ओवरी पर प्रेशर बढ़ता है और एंड्रोजन हार्मोन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है।
एक्स्ट्रा बॉडी हेयर से कैसे करें बचाव?
पीसीओडी एक लाइफ स्टाइल डिज़ीज़ है इसलिए बेहतरीन जीवनशैली को अपनाकर ही इसे कंट्रोल कर सकती हैं। जब लाइफ स्टाइल बेहतर होगी। अच्छी डाइट के साथ आप एक्सरसाइज़ करेंगी तो आपका हार्मोन बैलेंस होगा और फिर इस वजह से कई समस्याएं अपने आप कम होने लगेंगी। यहां तक कि शरीर में बालों की ग्रोथ भी कम होगी। इसके अलावा आप बॉडी हेयर ग्रोथ को कम करने के लिए लेज़र ट्रीटमेंट का भी सहारा ले सकते हैं।