Last Updated:February 07, 2025, 13:11 IST
Bharatpur News: आज हम आपको ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पेड़ों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अकेले ही उठा रखी है. उन्होंने 55 साल की उम्र में अपनी नौकरी छोड़ दी, इसके बाद उन्होंने खुद को पूरी ...और पढ़ें
पेड़ों में पानी देते बच्चू सिंह
हाइलाइट्स
- बच्चू सिंह ने 55 की उम्र में नौकरी छोड़ पर्यावरण सेवा शुरू की.
- 1.5 लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं बच्चू सिंह.
- पेड़ों की देखभाल के लिए 'पर्यावरण एंबुलेंस' चलाते हैं.
भरतपुर:- पेड़-पौधों से हरियाली और पर्यावरण का संतुलन बना रहता है, लेकिन अगर कोई अकेले ही पौधों की पूरी देखभाल करता है, तो यह एक प्रेरणा बन जाता है. आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताते हैं, जो भरतपुर के 74 वर्षीय पर्यावरण प्रेमी बच्चू सिंह हैं. उन्होंने 55 साल की उम्र में अपनी नौकरी छोड़ दी और हरियाली की दिशा में काम करना शुरू किया. उनके प्रयासों से लाखों पौधों को जीवन मिला और समाज को पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश भी मिला. उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मान मिल चुका है.
1.5 लाख से ज्यादा लगा चुके हैं पौधे
भरतपुर के बच्चू सिंह जिन्हें अब लोग पेड़ों के मसीहा कहने लगे हैं. इन्होंने 55 साल की उम्र में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. इसके बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह पर्यावरण सेवा में समर्पित कर दिया. उन्होंने तय किया कि वे अपने जीवन का बाकी समय पेड़ लगाने और उनकी देखभाल में लगाएंगे. शुरुआती दिनों में जब वे टेंपो में पानी की टंकी रखकर पौधों को पानी देने निकलते थे, तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे. लेकिन वे रुके नहीं धीरे- धीरे उनके प्रयास रंग लाने लगे और आज वे 1.5 लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं. हर पौधे को वह अपने बच्चे की तरह सींचते हैं.
मख्यमंत्री भी कर चुके हैं सम्मानित
बच्चू सिंह वर्मा ने लोकल 18 को बताया, कि जब मैंने यह काम शुरू किया था. तब लोगों को यह अजीब लगा, लेकिन मैं जानता था कि अगर पेड़ रहेंगे तो हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा. आगे वे कहते हैं, कि अब वही लोग मेरी मदद करते हैं और सराहना भी. पर्यावरण संरक्षण के इस अनूठे सफर के लिए बच्चू सिंह को कई सम्मान भी मिले हैं. 2017 में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया और हाल ही में 2024 में उन्हें अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार मिला.
पेड़ों की सेवा है जरूरी
आपको बता दें, कि बच्चू सिंह सिर्फ पेड़ लगाकर ही नहीं रुकते बल्कि उनकी देखभाल के लिए ‘पर्यावरण एंबुलेंस’ भी चलाते हैं. इस एंबुलेंस में पौधों की देखभाल के लिए जरूरी औजार और पानी की व्यवस्था होती है. उनका मानना है कि जैसे मरीजों के लिए एंबुलेंस जरूरी होती है, वैसे ही पेड़ों के लिए भी एक एंबुलेंस होनी चाहिए. अगर हम इंसानों के लिए एंबुलेंस बना सकते हैं. तो पेड़ों के लिए क्यों नहीं. ये पेड़ ही हमें जीवन देते हैं. इसलिए इनकी सेवा भी जरूरी है.
बच्चू सिंह की यह हरित यात्रा बताती है, कि सच्चे प्रयासों से समाज में बदलाव लाया जा सकता है. उनके इस समर्पण से सीख मिलती है, कि पर्यावरण की रक्षा करना केवल सरकार या संस्थानों की जिम्मेदारी नहीं बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है. पर्यावरण योद्धा बच्चू सिंह ने अपने जुनून और मेहनत से लाखों पौधों को नया जीवन दिया है. अगर हम भी अपने आसपास हरियाली बढ़ाने का संकल्प लें तो पर्यावरण को बचाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
February 07, 2025, 13:11 IST