Last Updated:February 02, 2025, 17:12 IST
Explainer- माता-पिता बनना दुनिया की सबसे अनमोल खुशी होती है. इस खुशी के लिए कई कपल प्लानिंग करते हैं और अपने मनमुताबिक महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैं. इसके लिए आजकल कई कपल एम्ब्रियो फ्रीजिंग करा रहे हैं ताकि उनके ...और पढ़ें
आजकल अधिकतर युवा 30 साल के बाद शादी कर रहे हैं. जहां महिलाएं शादी से पहले एग फ्रीजिंग कराने लगी हैं ताकि वह लेट शादी करने के बाद भी मां बन सकें, वहीं कई कपल एम्ब्रियो फ्रीजिंग करा रहे हैं ताकि वह शादी को एंजॉय कर सकें और मनमुताबिक फैमिली प्लानिंग कर पैरेंट्स बन सकें. एम्ब्रियो का मतलब होता है भ्रूण यानी इस प्रोसेस में भ्रूण को फ्रीज करके कई सालों तक सुरक्षित रखा जाता है.
आईवीएफ की तकनीक है एम्ब्रियो फ्रीजिंग
नोएडा के जीवा क्लिनिक में आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. श्वेता गोस्वामी कहती हैं कि एम्ब्रियो फ्रीजिंग एक आईवीएफ की टेक्नीक है जिसमें महिला और पुरुष के शरीर से एग और स्पर्म बाहर निकाले जाते हैं और लैब में एम्ब्रियो बनाकर उसे लिक्विड नाइट्रोजन में 5 दिन के बाद फ्रीज कर दिया जाता है. महिलाओं की एग क्वॉलिटी 30 साल की उम्र के बाद घटने लगती है और 36 साल के बाद बेहद कम हो जाती है. वहीं पुरुषों के स्पर्म की क्वॉलिटी 40 की उम्र के बाद घटती है. एम्ब्रियो फ्रीजिंग के लिए 30 से कम उम्र होनी चाहिए क्योंकि आईवीएफ एक्सपर्ट की कोशिश रहती है कि एम्ब्रियो बनाने के लिए 12 से 18 हेल्दी एग मिल जाएं. उनमें से भी अच्छी क्वॉलिटी के एम्ब्रियो के लिए एग को छांटना पड़ता है. आखिर में इन अंडों से 4 से 5 हेल्दी एम्ब्रियो ही बनते हैं जो भविष्य में प्रेग्नेंसी के लिए काम आ सकते हैं. कुछ लोग 30-40 की उम्र के बाद एम्ब्रियो फ्रीजिंग का फैसला लेते हैं लेकिन इस उम्र में हेल्दी एग बहुत कम संख्या में मिल पाते हैं.
ऐसे होता है एम्ब्रियो फ्रीज
एम्ब्रियो फ्रीजिंग का प्रोसेस महिला के पीरियड्स के दूसरे या तीसरे दिन से शुरू होता है. इस दौरान महिला को 10 से 13 दिन तक इंजेक्शन लगते हैं. इंजेक्शन के साथ ही अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से एग को मॉनिटर किया जाता है. इसके बाद महिला को थोड़ा-सा बेहोश करके उनके प्राइवेट पार्ट के जरिए एग को निकाला जाता है. इस प्रोसेस में शरीर पर कट नहीं लगाए जाते. इन एग्स को लैब में लाकर स्पर्म के साथ फर्टाइल किया जाता है. जब अच्छी क्वॉलिटी का एम्ब्रियो बन जाता है तो उसे 5वें दिन फ्रीज कर दिया जाता है. इस प्रोसेस में डेढ़ से सवा 2 लाख रुपए तक का खर्चा आता है. साथ ही एम्ब्रियो फ्रीजिंग का रिन्यूअल चार्ज भी देना होता है जो सालाना 15 से 20 हजार रुपए तक का होता है. यानी हर साल कपल को एम्ब्रियो फ्रीजिंग की एनुअल फीस देनी होती है.
एम्ब्रियो फ्रीजिंग से 10 साल तक भ्रूण को सुरक्षित रखा जाता है (Image-Canva)
कपल्स को 3 महीने पहले किया जाता है तैयार
एम्ब्रियो फ्रीजिंग के लिए कुछ बातों का मुख्य रूप से ध्यान रखना होता है. प्रेग्नेंसी के लिए महिला का यूट्रस हेल्दी होना चाहिए और एग और स्पर्म की क्वालिटी अच्छी होनी जरूरी है. इस प्रोसेस के लिए कपल्स को 3 महीने पहले से तैयार किया जाता है. हस्बैंड का स्पर्म टेस्ट होता है जिसमें उनकी स्पर्म की क्वॉलिटी देखी जाती है. महिलाओं के ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से एग काउंट और क्वालिटी की जांच होती है. इससे कपल्स का फर्टिलिटी का अंदाजा लगता है. कपल्स को एम्ब्रियो फ्रीजिंग के प्रोसेस से 3 महीने पहले हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह दी जाती है. उन्हें कहा जाता है कि वह स्मोकिंग, अल्कोहल को छोड़ दें. कॉफी ना पीएं, एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें. डाइट अच्छी लें. खाने में कार्बोहाइड्रेट और फैट को कम करके एंटीऑक्सीडेंट पर फोकस करें. बादाम, अखरोट, खजूर, अलसी, टमाटर, बेरी, अंजीर खाएं जिससे एग और स्पर्म हेल्दी बनें. साथ में कुछ फर्टिलिटी सप्लीमेंट दिए जाते हैं.
एम्ब्रियो फ्रीजिंग के दो कारण
एम्ब्रियो फ्रीजिंग 2 कारणों से की जाती है. एक है सोशल एम्ब्रियो फ्रीजिंग और दूसरा है मेडिकल एम्ब्रियो फ्रीजिंग. मेडिकल एम्ब्रियो फ्रीजिंग तब की जाती है जब पुरुष या महिला को कैंसर या ट्यूमर हो, किसी की कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी या सर्जरी होनी है, किसी महिला की ओवरी में सिस्ट है, एंड्रियोमेट्रियोसिस या किसी तरह का कोई मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू होने वाला है जिससे फर्टिलिटी घट जाएगी. वहीं, सोशल एम्ब्रियो फ्रीजिंग तब होती है जब कपल जल्दी बच्चा नहीं करना चाहते हैं, उनके करियर को लेकर कमिटमेंट हैं या वह कुछ समय के लिए विदेश शिफ्ट हो रहे हों. आजकल इस तरह की एम्ब्रियो फ्रीजिंग कपल्स के बीच ज्यादा पॉपुलर हो रही है. वह अपनी सुविधा और समय के अनुसार फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं.
एम्ब्रियो फ्रीजिंग के लिए कपल को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए (Image-Canva)
70% तक मां बनने के चांस
एम्ब्रियो फ्रीज कराने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इससे महिला 100% कंसीव करे. एम्ब्रियो फ्रीजिंग कपल के लिए एक बैकअप प्लान की तरह होता है. डॉ. श्वेता गोस्वामी कहती हैं कि पहले कपल्स को नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंसी के लिए ट्राई करने को कहा जाता है. लेकिन नेचुरल तरीके से कंसीव ना हो तो एम्ब्रियो को शरीर में डाला जाता है. इससे 65 से 70 प्रतिशत तक महिलाएं मां बनने में सफल होती हैं.
10 साल तक फ्रीज हो सकता है एम्ब्रियो
अमेरिका में 25 साल पुराना एम्ब्रियो भी प्लांट किया गया जिससे हेल्दी प्रेग्नेंसी हुई. साइंस के हिसाब से एम्ब्रियो को फ्रीज करने की कोई टाइम लिमिट नहीं है. लेकिन ART (The Assisted Reproductive Technology) नियम के अनुसार भारत में 10 साल तक एम्ब्रियो फ्रीजिंग की अनुमति है. इस नियम के अनुसार यह सुविधा केवल मैरिड कपल को है. इसके अलावा सिंगल वुमन डोनर स्पर्म की मदद से भी एम्ब्रियो फ्रीज करा सकती हैं. इस प्रोसेस के लिए महिला की उम्र 21 से 50 साल और पुरुष की उम्र 21 से 55 साल तक होनी चाहिए.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
February 02, 2025, 17:12 IST