24 August 1984: आज दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-421 को चंडीगढ़ और जम्मू होते हुए श्रीनगर पहुंचना था. करीब 72 पैसेंजर्स के साथ उड़ान भरने वाली यह फ्लाइट अपने तय समय पर चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर लैंड हुई. चंडीगढ़ एयरपोर्ट से इस फ्लाइट में सात नए पैसेंजर बोर्ड हुए और प्लेन एक बार फिर आसमान की तरफ बढ़ चला. यह प्लेन जम्मू पहुंचता, इससे पहले चंडीगढ़ से बोर्ड करने वाले सातों पैसेंजर्स अपनी सीट से खड़े हुए और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘भिंडरावाले जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे.
फ्लाइट में अचानक शुरू हुई नारेबाजी को लेकर पैसेंजर्स कुछ समझ पाते, इससे पहले खंजर और हैंड ग्रेनेड से लैस इन लोगों ने प्लेन हाईजैक-प्लेन हाईजैक चिल्लाना शुरू कर दिया. इसी बीच, कुछ हाईजैकर्स जबरन कॉकपिट में घुस गए और प्लेन को अमेरिका ले चलने का फरमान सुना दिया. पायलट ने हाईजैकर्स को समझाया कि वह इस समय बोइंग 737-2A8 से उड़ान भर रहे हैं. इस प्लेन की क्षमता इतनी नहीं है कि वह अमेरिका तक सीधी उड़ान भर सके. इसके बाद, हाईजैकर्स के नए फरमान पर प्लेन का रुख लाहौर एयरपोर्ट की तरफ हो गया.
80 मिनट तक लगाता रहा लाहौर एयरपोर्ट के चक्कर
उधर, जनरल जिया-उल-हक के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की सैन्य सरकार और सेना के अफसर इंडियन एयरलाइंस की हाईजैक हो चुकी फ्लाइट IC-421 का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. भले ही, इस हाईजैक की साजिश खुद पाकिस्तान की आईएसआई ने रची थी, पर वह जताना चाहते थे कि उनकी इस हाईजैक प्लेन में कोई रुचि नहीं है. वह सिर्फ भारत की मदद करने के इरादे से प्लेन को अपने यहां लैंड करने की इजाजत दे रहा है. इसी साजिश के तहत, पहले प्लेन को लैंडिंग की इजाजत देने से इंकार कर दिया गया और रनवे पर अवरोध लगा दिए गए.
करीब 80 मिनट तक प्लेन लाहौर एयरपोर्ट के ऊपर चक्कर लगाता रहा, लेकिन पाकिस्तान का नाटक बदस्तूर जारी रहा. करीब 80 मिनट बाद पाकिस्तानी एथॉरिटीज ने प्लेन को लाहौर एयरपोर्ट पर उतारने की इजाजत दे दी. प्लेन लैंड होने के बाद पाकिस्तान को भरोसा था कि हर बार की तरह भारत इस बार भी उन्हें हाईजैकर्स से निगोशिएट करने के लिए कहेगा. लेकिन, भारत ने पाकिस्तान को निगोशिएशन की इजाजत देने से न केवल मना कर दिया, बल्कि उससे प्लेन को रिफ्यूल न करने और लाहौर उसे टेकऑफ की इजाजत न देने के लिए भी कह दिया.
पाकिस्तान के हाथ से फिसली अपनी ही बाजी और फिर..
भारत के इस फैसले से पाकिस्तान को बाजी अपने हाथ से फिसलती हुई दिखी. अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते वह चाहकर भी भारत की बातों का नजरअंदाज नहीं कर सकता है, लिहाजा, उसने नई साजिश पर काम करना शुरू किया. मौजूदा फ्यूल में इस प्लेन को सिर्फ काठमांडू (नेपाल), काबुल (अफगानिस्तान) और दुबई तक ही ले जाया जा सकता था. लिहाजा, पाकिस्तानी एथॉरिटीज ने हाईजैकर्स को जर्मन पिस्टल मुहैया कराई और प्लेन को दुबई ले जाने के लिए कह दिया. इसके बाद, पाकिस्तान ने लाहौर से प्लेन उड़ने की इजाजत दे दी.
लाहौर एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद यह प्लेन कराची पहुंचा और फिर वहां से दुबई के लिए रवाना हो गया. रात करीब तीन बजे यह प्लेन दुबई एयरपोर्ट के ऊपर चक्कर लगा रहा था. पाकिस्तान की तरह दुबई ने भी प्लेन को लैंडिंग की इजाजत देने से इंकार कर दिया था. प्लेन दुबई एयरपोर्ट पर लैंड न हो सके, इसके लिए एथॉरिटीज ने रनवे और टर्मिनल की लाइट बंद कर दी थीं. प्लेन करीब एक घंटे तक दुबई एयरपोर्ट के ऊपर चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसे लैंडिंग की परमीशन देने से साफ इंकार कर दिया गया था. वहीं अब नई मुसीबत सामने थी.
5 मिनट में क्रैश होने वाला था इंडियन एयरलाइंस का प्लेन!
दरअसल, प्लेन में अब 5 मिनट का ही फ्यूल बचा था. 5 मिनट के भीतर लैंडिंग नहीं हुई तो प्लेन क्रैश होने का खतरा मंडराने लगा था. दूसरे विकल्प के तौर पर प्लेन को समुद्र में लैंड करने का ही विकल्प बचा था. पायलट के सामने ‘एक तरफ कुआं, तो दूसरी तरफ खाई’ जैसी स्थिति थी. सुबह के करीब 4.50 बजे अचानक दुबई एयरपोर्ट के रनवे की लाइट जल उठीं और प्लेन को लैंडिंग की इजाजत दे दी गई. पायलट एक सेकेंड की देरी किए बगैर प्लेन को लेकर दुबई एयरपोर्ट के रनवे की तरफ बढ़ गए. कुछ ही पलों में प्लेन सुरक्षित पर लैंडिंग हो गई.
इधर, जैसे ही भारत सरकार को प्लेन दुबई में लैंड होने की जानकारी मिली, तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री एए रहीम के नेतृत्व में एक टीम को वहां के लिए रवाना कर दिया गया. स्थिति को संभालने के लिए यूएई के तत्कालीन रक्षा मंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम और यूएई में भारतीय राजदूत इशरत अजीज भी एयरपोर्ट पहुंच गए. भारत, दुबई और हाईजैकर्स के बीच बातचीत शुरू हुई. भारत ने हाईजैकर्स की सभी बातों को मानने से मना कर दिया. हाईजैकर्स अगला कदम उठाते इससे पहले उन्हें घुटनों पर आने के लिए मजबूर कर दिया गया.
…और घुटनों में आए IC-421 के हाईजैकर्स
दुबई एयरपोर्ट पर कुछ ही पलों में बाजी पूरी तरह से पटल चुकी थी, इंडियन एयरलाइंस प्लेन के सभी हाईजैकर्स को गिरफ्त में लिया जा चुका था. ये सभी हाईजैकर्स प्रतिबंधित ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़े थे, जो सिख के लिए अगल खालिस्तान राज्य की मांग कर रहे थे. दुबई एयरपोर्ट पर कार्रवाई पूरी होने के बाद यूएई ने हाईजैकर्स के सामने दो विकल्प रखे. पहला- यूएई कानून के तहत मुकदमें का सामना करें, दूसरा-उन्हें भारत के सुपुर्द कर दिया जाए. हाईजैकर्स को खौफ था कि यूएई में कानूनी कार्रवाई का सामना किया तो मौत की सजा मिलना तय है.
हाईजैकर्स ने यूएई के कठोर कानून से डरकर भारत के सुपुर्द किए जाने का विकल्प चुना. जिसके बाद, यूएई ने सभी हाईजैकर्स को भारत के हवाले कर दिया गया. इसी के साथ सभी यात्रियों और क्रू के साथ आईसी 421 को सकुशल भारत के लिए रवाना कर दिया गया. भारतीय प्लेन हाईजैक से जुड़ी अन्य खबरों को पढ़ने के लिए एयरपोर्ट डायरी पर क्लिक करें.
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FIRST PUBLISHED :
October 2, 2024, 11:39 IST