Last Updated:February 05, 2025, 13:10 IST
Narendra Modi Mahakumbh Snan : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में 144 साल बाद आयोजित महाकुंभ में संगम में स्नान किया, लाल कुर्ता और रुद्राक्ष की माला पहनकर पूजा अर्चना की और सूर्य देव को जल अर्पित किया.
हाइलाइट्स
- प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में संगम में स्नान किया.
- लाल कुर्ता और रुद्राक्ष की माला पहनकर पूजा अर्चना की.
- सूर्य देव को जल अर्पित कर देश की खुशहाली की कामना की.
Narendra Modi Mahakumbh Snan : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रयागराज प्रयागराज दौरे पर आए यहां उन्होंने आयोजित 144 साल बाद आयोजित महाकुंभ में पवित्र संगम में स्नान किया. दिन में करीब 11:00 के बाद उन्होंने आस्था की डुबकी लगाई. माघ मास शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि में शुभ योग में भरणी नक्षत्र और शुभ चौघड़िया में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा संगम में स्नान किया गया. आपको बता दें कि 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलने वाला है. दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है जिसमें दुनिया भर के तमाम देशों से श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं.
पूजा अर्चना भी की : संगम स्नान के दौरान उन्होंने अपने हाथों से सूर्य देव को जल अर्पित किया. सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद उन्होंने मां गंगा और संगम की अपने हाथों से पूजा अर्चना भी की. इस दौरान उन्होंने वरुण मुद्रा को अपनाते हुए संगम तट पर पूजा अर्चना की.
स्नान के दौरान जाप : पूजा और जल अर्पण के दौरान वो मन में मंत्र का जाप भी करते रहे. मन में मंद स्वर में जाप करने की पद्धति को उपांशु जप कहते हैं. उपांशु जाप पद्धति को अपनाने से यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सनातन और धर्म शास्त्रों का कितना अधिक ज्ञान है.
लाल कुरते का संदेश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें लाल रंग के कुर्ते को पहनकर संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाई. उनके गले में पवित्र रुद्राक्ष की एक बड़ी माला भी थी. प्रधानमंत्री जी ने लाल रंग का कुर्ता और रुद्राक्ष की माला पहन कर संगम में स्नान करके देश में सनातन धर्म को मजबूत करने का एक गहरा संदेश भी दिया.लाल रंग को हिंदू धर्म शास्त्रों में सुविधा और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है लाल रंग के कुर्ती को पहनकर गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से सौभाग्य में भर्ती होती है. लाल रंग मंगल का प्रतीक माना जाता है. जबकि जल को चंद्रमा से जोड़कर देखा गया है इस तरह मंगल और चंद्रमा का मिलन भी लक्ष्मी योग बनाता है. जो देश के लिये सौभाग्य और शुभता का सूचक है.
First Published :
February 05, 2025, 13:10 IST