Agency:News18Hindi
Last Updated:February 05, 2025, 16:04 IST
New Tax Regime: बजट में इनकम टैक्स में मिली बड़ी राहत के बाद टैक्स-सेविंग स्कीम जैसे पीपीएफ, एनएससी, पोस्ट ऑफिस बचत योजनाएं, एनपीएस आदि को लेकर टैक्सपेयर्स के बीच कौतूहल है कि क्या अब भी ये स्कीम प्रासंगिक हैं....और पढ़ें
New Tax Regime: बजट 2025 में हुए ऐलानों के बाद न्यू टैक्स रिजीम और भी आकर्षक हो गई है. सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वालों के लिए अब कोई इनकम टैक्स नहीं है. इससे टैक्सपेयर्स के पास पुरानी ओल्ड टैक्स रिजीम की बजाय न्यू टैक्स रिजीम चुनने का एक और कारण मिल गया है. इसका मतलब है कि अब ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे, खासकर वे जो लोअर इनकम क्लास में आते हैं.
सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने यहां तक दावा किया कि 90 फीसदी टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम में स्विच कर सकते हैं, जो वर्तमान में 75 फीसदी है. इसका मतलब है कि टैक्सपेयर्स ओल्ड टैक्स रिजीम के बेनिफिट्स खो देंगे, जिसमें पीपीएफ, एनएससी, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी टैक्स-सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश के लिए दी जाने वाली डिडक्शन और एग्जेम्प्शन शामिल हैं.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत खोने वाले टैक्स बेनिफिट्स
1. धारा 80C निवेश: ELSS, PPF, SPF, RPF में किए गए निवेश, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान, होम लोन के मूलधन, सुकन्या समृद्धि योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना.
2. धारा 80D: मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर अधिकतम 25 हजार रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 हजार रुपये तक की छूट.
3. धारा 80CCC: पेंशन फंड के प्रीमियम के भुगतान पर छूट.
कुछ लोगों का मानना है कि टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना अभी भी ठीक है क्योंकि निवेश को टैक्स बचाने से अलग देखा जाना चाहिए. कई एक्सपर्ट का मानना है कि ये योजनाएं अब भी कम रिस्क वाले निवेश के तौर पर उन निवेशकों के लिए उपयोगी हैं जो स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 05, 2025, 16:04 IST