मौत से पहले जमीन की तलाश...इस समाज ने बताई दर्दभरी कहानी, जानें क्या कहा

2 hours ago 1

Agency:News18 Rajasthan

Last Updated:February 05, 2025, 15:59 IST

बाड़मेर शहर के जोगियों की दड़ी के रहने वाले 200 कालबेलिया परिवारों के सामने अलग ही संकट खड़ा हो गया है. इन परिवारों के लिए मरने के बाद शव को जिस जमीन में दफनाया जाता था, वह अब वह विभाग के अधीन हो गई है.

X

दो

दो गज जमीन की मांग करते हुए

हाइलाइट्स

  • 200 कालबेलिया परिवारों को दफनाने के लिए जमीन की कमी.
  • विभाग के कब्जे में आने से दफनाने की जगह का संकट.
  • मरने के बाद दो गज जमीन की मांग.

बाड़मेर:- सुनने में भले ही अजीब लगता हो, लेकिन यह सच है कि बेटे अपने पिता की मौत से पहले ही उन्हें दफनाने के लिए बेटा प्रशासन से जमीन मांग रहा है. समाज के लोगों के पास दिवंगत के लिए दो गज जमीन तक नहीं है. ऐसे में वे जीते जी कलक्ट्रेट में अर्जी देकर मरने के बाद दफनाने के लिए जमीन दिलाने की मांग कर रहे हैं.

बाड़मेर शहर के जोगियों की दड़ी के रहने वाले 200 कालबेलिया परिवारों के सामने अलग ही संकट खड़ा हो गया है. इन परिवारों के लिए मरने के बाद शव को जिस जमीन में दफनाया जाता था, वह अब वह विभाग के अधीन हो गई है. कालबेलिया के लोगों का कहना है कि उनके पास ना रहने के लिए, ना मौत पर दफनाने के लिए जगह है. मौत के बाद घर के आंगन में ही दफनाना पड़ता है. किसी की मौत होने पर दफनाने के लिए समाज के पास खुद की जमीन नहीं है. यदि ये गांव की जगह या कहीं और समाधि के लिए शव को ले जाते हैं, तो विवाद की संभावना रहती है. विवाद के भय से समुदाय के लोग अपने घर में या बाहर ही शव को दफना देते हैं.

जोगियों की दड़ी में समाधियां
कालबेलिया समाज की बुजुर्ग लाली देवी लोकल 18 को बताती हैं कि अब तो उन्हें भी फिक्र होने लगी है कि मरने के बाद उन्हें कहां दफनाया जाएगा. वह बताती हैं कि कई पीढियों से उनके अपनों की समाधियां जोगियों की दड़ी में बनाई हुई है. वहीं समझू देवी के मुताबिक, बरसों से उनके अपनों की समाधियां जोगियों की दड़ी में बनाई हुई है. लेकिन अब वह विभाग के कब्जे में है, जिससे उनके सामने शव दफनाने का संकट खड़ा हो गया है.

मरने के बाद मिले दो गज जमीन
कालबेलिया समाज के घुमन्तु अर्द्ध घुमन्तु संगठन के बाड़मेर जिलाध्यक्ष नारायणनाथ कालबेलिया के मुताबिक, वह भी हिंदुस्तान से ही हैं न कि चीन,भूटान या फिर पाकिस्तान से हैं. उन्होंने कहा कि घुमन्तु अर्द्ध घुमन्तु परिवारों के लिए जीते जी दो गज की जमीन नहीं मिल सकी है, तो मरने के बाद तो कम से कम दो गज की जमीन दी जाए.

Location :

Barmer,Rajasthan

First Published :

February 05, 2025, 15:59 IST

homerajasthan

मौत से पहले जमीन की तलाश...इस समाज ने बताई दर्दभरी कहानी, जानें क्या कहा

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article