Last Updated:February 05, 2025, 18:30 IST
Tax Calculation connected Salary : नौकरीपेशा हैं तो आपको यह पता ही होगा कि खाते में आने वाली सैलरी में से टैक्स पहले ही कंपनी काट लेती है. लेकिन, क्या आपको पता है कि यह टैक्स ग्रॉस सैलरी पर कटता है या टेक होम अथवा...और पढ़ें
नई दिल्ली. नौकरीपेशा हैं तो आपका एचआर और पेरोल डिपार्टमेंट सैलरी देने से पहले ही इनकम टैक्स का कैलकुलेशन कर लेता होगा और टैक्स का पैसा काटकर ही सैलरी अकाउंट में भेजता होगा. यहां तक की जानकारी तो आपको होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकम टैक्स विभाग आपके सीटीसी पैकेज अथवा टेक होम सैलरी किस पर टैक्स की गणना करता है. अगर नहीं तो इसकी पूरी जानकारी हम आपको दे रहे हैं.
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि सीटीसी और टेक होम सैलरी आखिर है क्या. सीटीसी यानी कॉस्ट टू कंपनी का मतलब है कि आपको हायर करने पर कंपनी के ऊपर कितना खर्चा या बोझ आता है. टेक होम सैलरी को ग्रॉस सैलरी भी कहते हैं. इसका मतलब है कि कंपनी की ओर से आपको कितना पैसा दिया जा रहा है. ग्रॉस सैलरी ही आपकी वास्तविक कमाई होती है और इसी को आपकी वास्तविक सैलरी भी माना जाता है.
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किस पर कटता है इनकम टैक्स
जैसा पहले ही बताया कि सीटीसी में वह राशि जुड़ी होती है, जो कंपनी आपके ऊपर कुल मिलाकर खर्च करती है. सीटीसी में लिखी राशि का मतलब यह नहीं है कि कंपनी आपको इतना पैसा देगी. लिहाजा इसे आपकी वास्तविक कमाई नहीं माना जाता है. ग्रॉस सैलरी ही वह अमाउंट होता है, जो कंपनी वास्तव में आपको भुगतान करने वाली है. ग्रॉस सैलरी ही आपकी सही कमाई मानी जाती है और इसी के आधार पर इनकम टैक्स की गणना भी की जाती है.
सीटीसी पर क्यों नहीं कटता टैक्स
सीटीसी वह अमाउंट होता है, जो आपको हायर करने पर कंपनी की कुल लागत को बताता है. सीटीसी में पीएफ और ग्रेच्युटी जैसे कंपोनेंट भी जुड़े होते हैं, जो इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होते हैं. इसके अलावा सीटीसी में बोनस, इंसेंटिव, मेडिकल इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस जैसी दूसरी सुविधाएं भी शामिल होती हैं. लिहाजा यह आपकी वास्तविक कमाई को नहीं बताता है और इनकम टैक्स विभाग इस पर आयकर की गणना भी नहीं करता है.
ग्रॉस सैलरी पर क्यों कटता है टैक्स
आयकर कानून के हिसाब से ग्रॉस सैलरी ही आपकी वास्तविक कमाई मानी जाती है. इसमें बोनस, अलाउंस, बेसिक सैलरी सहित अन्य कंपोनेंट भी शामिल होते हैं. इन सबको मिलाकर आपकी वास्तविक कमाई की गणना होती है. इसी के आधार पर इनकम टैक्स विभाग यह समझता है कि असल में आपकी कमाई कितनी होगी और फिर टैक्स की गणना की जाती है. टैक्स काटने के बाद जो अमाउंट आता है, कंपनी वही आपके खाते में डिपॉजिट करती है और यही आपकी टेक होम सैलरी होती है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 05, 2025, 18:30 IST