Last Updated:February 05, 2025, 21:18 IST
केरल के पलक्कड़ में अदालत ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. वे भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों से जुड़े मामले में पेश नहीं हुए थे.
हाइलाइट्स
- बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी.
- भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों से जुड़े मामले में पेश नहीं हुए थे.
- 15 फरवरी को अदालत में पेश होने का आदेश.
पलक्कड़. केरल के पलक्कड़ जिले की एक अदालत ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया है. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ गैर जमानती वारंट इसलिए जारी किया गया क्योंकि वे कथित रूप से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों से संबंधित एक आपराधिक मामले में पेश नहीं हुए. पलक्कड़ के जूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट-सेकेंड ने पहले जमानती वारंट जारी किए थे. जिसमें बाबा रामदेव को 1 फरवरी को पेश होने की जरूरत थी. हालांकि, जब वे पेश नहीं हुए, तो अदालत ने 15 फरवरी को उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को गैर-जमानती वारंट जारी किए.
केरल के औषधि निरीक्षक ने पतंजलि आयुर्वेद की सहयोगी दिव्य फार्मेसी के खिलाफ औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के तहत मामला चलाया था. शिकायत में धारा 3 के उल्लंघन का हवाला दिया गया है, जो विशिष्ट रोगों के उपचार के लिए कुछ दवाओं के विज्ञापन पर रोक लगाता है. इसके अतिरिक्त, धारा 3(बी) यौन सुख बढ़ाने का दावा करने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाती है, जबकि धारा 3(डी) उन विज्ञापनों पर रोक लगाती है जो अधिनियम के तहत सूचीबद्ध बीमारियों के निदान, इलाज या रोकथाम का दावा करते हैं.
इस मामले में दिव्य फार्मेसी को पहला आरोपी, आचार्य बालकृष्ण को दूसरा और बाबा रामदेव को तीसरा आरोपी बनाया गया है. पतंजलि आयुर्वेद को पहले भी भ्रामक विज्ञापनों को लेकर कानूनी जांच का सामना करना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने आधुनिक चिकित्सा, विशेष रूप से एलोपैथी का अपमान करने और बीमारियों के इलाज के बारे में अपुष्ट दावे करने के लिए कंपनी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था. बाद में रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने के बाद मामला बंद कर दिया गया.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 05, 2025, 21:18 IST