नई दिल्ली. क्या भारत का बुलेट ट्रेन का सपना पूरा होने में अभी और देर होगी? जिस तरह की खबर आ रही है उससे तो ऐसा ही लगता है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब बुलेट ट्रेन (शिंकानसेन) का आयात जापान से नहीं करेगा. इस खबर की अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन मामले से जुड़े विश्वसनीय सूत्र ने यह जानकारी दी है. उनका कहना है कि अभी बात पूरी तरह बंद नहीं हुई है लेकिन बहुत धीमी हो गई है.
सूत्रों के अनुसार, जापानी सरकार से ट्रेन के आयात को लेकर वार्ता अब भी जारी है लेकिन पिछले 6 महीने में इसमें काफी सुस्ती आ गई है. इसके पीछे ट्रेन से जुड़ी कॉस्ट को वजह माना जा रहा है. ट्रेन और उसकी मेंटेनेंस से जुड़ी कीमत पर सहमति नहीं बन पा रही है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे के कई अधिकारी इस पर चर्चा के लिए सितंबर में जापान भी गए थे लेकिन बात नहीं बनी.
बहुत महंगा सौदा
मामले से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने मनीकंट्रोल से कहा है, “शिंकानसेन का आयात अपने आप में बहुत महंगा सौदा है. वहीं, इसका आजीवन रख-रखाव भी जापानी कंपनी को ही करना है. मेंटेनेंस की वजह से ओवरऑल कॉस्ट में बहुत बड़ा अंतर पैदा हो रहा है.”
पैसों के अलावा भी परेशानी
खबरों की मानें तो बुलेट ट्रेन को लेकर बातचीत ठीक चल रही थी लेकिन प्राइस के साथ 2 और चीजें रास्ते में अड़चन पैदा करने लगीं. एक तो सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण में देरी और दूसरा जॉइंट वेंचर की शर्तों में तकनीकी बदलाव. जापान का मानना है कि भारत सरकार ने जमीन अधिग्रहण की कीमतों को घटाने के लिए ट्रैक में मोडिफिकेशन किया. रेलवे के एक पूर्व मेंबर ने बताया कि जापानी सरकार ने ट्रैक के एलिवेटेड सेक्शन को और न बढ़ाने की मांग की थी लेकिन भारत सरकार ने इसे नहीं सुना. पहले केवल 28 परसेंट ट्रैक की हवा में बनना था लेकिन बदलाव के बाद 90 फीसदी ट्रैक एलिवेटेड कर दिया गया.
ट्रेन की कीमत
2022 में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने रोलिंग स्टॉक टेंडर निकाला था जिसके तहत 24 बुलेट ट्रेनों का आयात होना था जिनकी कीमत 11,000 करोड़ रुपये थी. 2018 में एक 10 कोच वाली बुलेट ट्रेन की कीमत 389 करोड़ रुपये थी. 2023 तक इसकी अनुमानित कीमत बढ़कर 460 करोड़ रुपये हो गई.
Tags: Bullet train, Business news, Indian railway
FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 18:35 IST