बिलासपुरः पश्चिम बंगाल का रहने वाला मासूम माफिजुल रहमान पिछले 15 सालों से बिलासपुर की सड़कों पर, चाय बेच रहा है. माफिजुल जलते हुए चूल्हे पर चाय की केटली लेकर घूम-घूम कर चाय बेचता है. यूं तो इनके चाय की डिमांड दिनभर बनी रहती है. लेकिन शाम होते ही एकाएक डिमांड बढ़ जाती है. सदर बाजार और रिवर व्यू चौपाटी के पास इनके चाय की दिवानगी रहती है. युवा इनके लेमन टी और मसाला चाय का अपने दोस्तों के साथ लुप्त उठाते हैं. माफिजुल रोजाना सैकड़ों कप चाय बेचकर अच्छी खासी कमाई कर लेते है. हर माह अपना खर्चा निकालने के बाद माफिजुल 8 से 10 हजार रुपए अपने घर वालों को भेजता है, जिससे उनके परिवार का खर्च चलता है.
मासूम बताता है कि वे पिछले 15 सालों से सड़कों पर पैदल घूम-घूम कर चाय बेचता है. रास्ते पर लोग कुछ भी कहते हैं. कोई अच्छा कहता है, तो कोई बुरा सुनकर चले जाते हैं. फिर भी वह निराश नहीं होता है और अपने काम को लगन से करता है. वो अब दूसरा काम नहीं करना चाहता. चाय बेचना ही अब उसका प्रोफेशन बन गया है. चाय बेचकर ही इनके परिवार का खर्च चलता है.
घर चलाने की मजबूरी में किया पलायन
मासूम माफीजुल रहमान ने बताया कि वो 2009 में अपने पिता के साथ रोजी-रोटी कमाने बिलासपुर आ गया. पढ़ाई कर कुछ कर गुजरने की चाह तो थी. मगर घर की स्थिति ठीक नहीं होने से वह पढ़ाई नहीं कर सका, फिर भी उसने नौवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. घर चलाने छोटे से उम्र में अपने पिता का काम खुद ही शुरू कर दिया. अब अकेले रहकर चाय बेचता है. मम्मी,पापा और भाई पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रहते हैं. वह परिवार के खर्च के लिए 8 से 10 हजार रुपए हर माह भेजता है.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 14:51 IST